Home धर्म/ज्योतिष बढ़ती उम्र के बच्चों पर किन ग्रहों का होता है कैसा असर….

बढ़ती उम्र के बच्चों पर किन ग्रहों का होता है कैसा असर….

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12 वर्ष की उम्र के बाद सामान्यतः बच्चों पर बुध का प्रभाव होता है. यह बच्चों को युवावस्था तक ले जाता है. बुध के कारण इस समय बच्चों की सोच, वाणी और शरीर में काफी बदलाव होते हैं. बच्चों के अंदर इस समय काफी आदतें भी आ जाती हैं. शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो अच्छी आदतें आती हैं और अशुभ ग्रहों के प्रभाव से बच्चा भटक जाता है. 12 वर्ष से 18 वर्ष तक बच्चों के जीवन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.

 सूर्य का प्रभाव हो तो बच्चा तेज होता है.

चीज़ों को आसानी से समझता है.

बिगड़ने की संभावना कम होती है.

चंद्रमा का प्रभाव हो तो बच्चा बहुत ज्यादा चंचल होता है.

पढ़ाई में दिक्कतें पैदा करता है.

मंगल का प्रभाव हो तो बच्चा उद्दंड होता है.

माता पिता की बात नहीं मानता और जबान लड़ाता है.

बुध का ही प्रभाव हो तो बच्चा बहुत चैतन्य रहता है.

बुद्धिमान होता है, चीज़ों को जल्दी समझता है.

बृहस्पति का प्रभाव हो तो बच्चा धार्मिक होता है.

संस्कार और गुणों के मामले में उत्तम होता है

शुक्र का प्रभाव हो तो सजने सवरने का शौकिन होता है.

आकर्षण और प्रेम आदि के मामले में पड़ जाता है.

शनि का प्रभाव हो तो शिक्षा में बाधा आती है.

बच्चे को चीज़ों को पाने और समझने में संघर्ष करना पड़ता है.

राहु का प्रभाव हो तो बच्चा काफी बिगड़ जाता है.

गलत खान पान और संगति के चक्कर में जीवन नष्ट हो जाता है.

बच्चे से सुबह सूर्य को जल अर्पित करवाएं.

बच्चे को गायत्री मंत्र का जप करवाएं.

बच्चे को रोज सुबह तुलसी का पत्ता खिलाएं.

सलाह लेकर बच्चे को पीला पुखराज या पन्ना धारण करवाएं.

बच्चे को कास्मेटिक्स और सुगंध का प्रयोग कम करवाएं.

बच्चे को सप्ताह में एक बार धर्मस्थान पर जरूर ले जाएं.

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