प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल के जिलों में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम केंद्र ने इन दोनों अंचलों के 11 जिलों नीमच, मंदसौर, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, धार, शाजापुर, आगर, बुरहानपुर, अलीराजपुर और झाबुआ में शनिवार को कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी दी है।
मौसम केंद्र ने प्रदेश के नीमच, मंदसौर, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, धार, शाजापुर, आगर, बुरहानपुर, अलीराजपुर और झाबुआ में शनिवार को भारी बारिश की चेतावनी दी है। भोपाल में हल्की बौछारें पड़ीं। खरगोन जिले के भीकनगांव व सेगांव में शुक्रवार को 9-9 इंच बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तर-पश्चिम मप्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र और चक्रवाती हवाओं का घेरा भी बना है। इस वजह से मालवा-निमाड़ तेज में बारिश हो रही है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि 24 अगस्त से 6 सितंबर तक भोपाल समेत मप्र में मानसून के कमजोर पड़ सकता है है। 7 से 13 सितंबर के बीच मानसून सामान्य रह सकता है। वजह- 24 अगस्त से 6 सितंबर तक मानसून का ज्यादा असर मप्र के बजाय पूर्वी उप्र, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में होने का अनुमान है। इन राज्यों में ज्यादा बारिश होने के आसार हैं।
मानसून आए हुए 50 दिन पूरे हो गए। इसके बाद अब सिर्फ 18.9 इंच बारिश ही हुई है। यह सामान्य से 20 फीसदी कम है। सीजन में अब तक 20.96 इंच पानी बरसा है। सीजन की बारिश का कोटा पूरा होने के लिए अभी 20 इंच और बारिश की जरूरत है। मानसून ने भोपाल में 27 जून का दस्तक दी थी। इसके बाद शुरू के तीन- चार दिन हल्की बारिश हुई। जुलाई के पहले हफ्ते में भी ज्यादा पानी नहीं बरसा। उसके बाद लगातार 20 दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान कभी तेज तो कभी हल्की बारिश होती रही। जुलाई के आखिरी हफ्ते से लेकर अगस्त के पहले हफ्ते तक फिर मानसून कमजोर पड़ गया। मानसून आने से पहले 1 से 27 जून तक 2.06 इंच बारिश हो चुकी थी। 1 जून से अब तक 20.96 इंच पानी बरसा है। सीजन में 1 जून से अब तक 20.96 इंच बारिश हो चुकी है।