केरल में आए जल प्रलय से मची तबाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. रविवार को बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं.
प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं. बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं.
इस बीच केंद्रीय मंत्री के.जे. एलफॉन्स का कहना है कि बाढ़ के कारण किसी भी घर में बिजली नहीं है, ना ही किसी और तरह की सुविधाएं हैं. अभी सबसे ज्यादा वहां पर इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर की जरूरत है. अभी वहां खाना और कपड़े की जरूरत नहीं है.
केरल में इस बीच कई दिनों के बाद विमान सेवा शुरू हुई है. कोच्चि एयरपोर्ट बाढ़ के पानी की वजह से पूरी तरह डूब गया था, जिसके बाद अब नेवल एयर स्टेशन पर विमान सेवा को शुरू किया गया है. अब लगातार कमर्शियल फ्लाइट सेवा जारी रहेगी, अधिकतर फ्लाइट बेंगलुरु और कोयंबटूर से उड़ान भरेंगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि केंद्र की ओर से केरल को पूरी मदद दी जा रही है. राज्य में करीब 3757 मेडिकल कैंप लगे हैं, जिसमें 90 किस्म की दवाईयां भेजी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि महामारी ना फैले उसकी पूरी तैयारी की जा रही है.
बाढ़ से आई आफत के बीच राहत की खबर ये है कि सभी जिलों में जारी किया गया रेड अलर्ट अब वापस ले लिया गया है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश से राहत का दावा जरूर किया है. लेकिन आपदा के इस दौर से केरल में जान-माल का जो नुकसान हुआ है, उससे केरल और वहां के रहने वालों का जीवन पटरी पर लौटने पर काफी समय लग सकता है. जबकि इडुक्की, कोजीकोड, कन्नूर में येलो अलर्ट जारी है.