बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में महू विधानसभा सीट से विधायक है. लेकिन, इस बार उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने भी इशारो-इशारों में चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है. कैलाश भी अपने पुत्र को राजनीति में स्थापित करना चाहते है. इसी के चलते आकाश अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ इंदौर की अन्य विधानसभा सीटों में भी सक्रिय दिखाई दे रहे है. ऐसे में इस बात की पूरे आसार है कि ये इन दोनों पिता-पुत्रों की जोड़ी भी चुनाव रण में दिखाई दे.
पिता-गोपाल भार्गव, बेटा-अभिषेक भार्गव
प्रदेश के सबसे कद्दावर मंत्रियों में गिने जाने वाले गोपाल भार्गव वर्तमान में रहली विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. लेकिन, 2014 के लोकसभा चुनाव में सागर लोकसभा सीट से दावेदारी करने वाले उनके पुत्र अभिषेक भार्गव अब विधानसभा चुनाव में लड़ने की तैयारी करते दिख रहे है. जबकि मंत्री भार्गव भी चाहते है उनका बेटा विधानसभा चुनाव लड़े. भाजपा युवा मोर्चा के कई पदो पर रह चुके अभिषेक का राजनीति में सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है पिछले चुनाव में पिता के प्रचार की जिम्मेदारी उन्होंने ही संभाली थी. गोपाल भार्गव इस बार भी रहली से टिकट के प्रबल दावेदार है, जबकि उनके पुत्र अभिषेक सागर जिले की देवरी विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी कर रहे हैं.
पिता-गौरीशंकर शेजवार, बेटा-मुदित शेजवार
सांची विधानसभा सीट से विधायक और प्रदेश सरकार में वन मंत्री गौरीशंकर शैजवार भी अपने बेटे मुदित शैजवार को विधायक बनाना चाहते है. मुदित भी अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे है. एकात्म यात्रा से लेकर कार्यकर्ता सम्मेलन तक सभी कार्यक्रमों की जिम्मेदारी मुदित ही संभाल रहे है. हालांकि बढ़ती उम्र के चलते शायद मंत्री शैजवार इस बार का चुनाव न लड़े, लेकिन ऐसी परिस्थिति में वह अपने बेटे को पार्टी से टिकट दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे है.
पिता- नरोत्तम मिश्रा, बेटा- सुकर्ण मिश्रा
प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री और दतिया से विधायक नरोत्तम मिश्रा राज्य की राजनीति में अपने कड़क मिजाज के लिये जाने जाते है. ऐसे में मंत्री मिश्रा भी अपने पुत्र सुकर्ण को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते है, सुकर्ण पूरे दतिया जिले में सक्रिय नजर आ रहे है. हाल ही में सीएम शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उन्होंने जिस तरह जिम्मेदारी संभाली उसे उससे उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी के तौर पर देखा गया है. नरोत्तम मिश्रा तो दतिया से चुनाव लड़ेंगे ही, जबकि उनका बेटा भी जिले की बाकि तीन सीटों में से किसी एक पर दावेदारी कर सकता है.
पिता-नंदकुमार सिंह चौहान, बेटा-हर्ष सिंह चौहान
खंडवा से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा पार्टी के समक्ष जाहिर की है. जबकि उनके पुत्र हर्ष सिंह भी पूरे खंडवा जिले में सक्रिय नजर आ रहे है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से निष्कासित होने के बाद से ही नंदू भैया खुद तो विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे जबकि अपने पुत्र को भी रेस में लगाये हुये है. ऐसे में इन दोनों पिता पुत्रों की जोड़ी विधानसभा में नजर आ सकती है.
पिता-प्रभात झा, बेटा-तुष्मल झा
अपने बयानों से हमेशा खबरों में रहने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रभात झा के इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरे खूब जोर पकड़ रही हैं. जबकि जिस तरह से उनके पुत्र तुष्मल राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे उससे उनके भी विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. तुष्मल को भाजपा युवा मोर्चा की टीम में भी पद मिला है. ऐसे में दोनों पिता पुत्र ग्वालियर-चंबल संभाग की विधानसभा सीटों में से किसी एक-एक सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं.
पिता-जयंत मलैया, बेटा- सिद्धार्थ मलैया
दमोह से विधायक और प्रदेश सरकार में वित्तमंत्री जयंत मलैया अपने पुत्र सिद्धार्थ मलैया को विधानसभा चुनाव लड़ाने की कोशिश में जुटे है. पिछले विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ के चुनाव लड़ने की खबरों ने खूब जोर पकड़ा था, तब उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था. लेकिन, इस बार वे फिर दावेदारी कर रहे है. मंत्रीजी भी अपने बेटे टिकट दिलाने के लिये अदंरूनी तोर पर पूरी कोशिश कर रहे है. हालांकि इस बार मंत्री मलैया के चुनाव न लड़ने की खबरे भी सामने आई है. अब देखना दिलचस्प होगा कि पुत्र पिता के लिये प्रचार करेंगा या फिर पिता पुत्र के लिये.
पिता-गौरीशंकर बिसेन, बेटी-मौसम बिसेन
ऐसा नहीं है कि इस बार के चुनाव में केवल पिता-पुत्रों की जोड़ी ही नजर आ सकती है. इस रेस में पिता-पुत्री की भी एक भी जोड़ी शामिल है. प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिषेन की बेटी मौसम बिषेन भी पिता के साथ विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है. बालाघाट जिले में सक्रिय मौसम ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी की थी, तब उन्हें टिकट नहीं मिला था. लेकिन, इस बार वे टिकट की पूरी कोशिश में जुटी है. वेसे भी बालाघाट जिले में बिषेन परिवार का दबदबा माना जाता है, मंत्री बिषेन की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष है, ऐसे में उनकी बेटी भी पिता के साथ बालाघाट जिले की किसी एक सीट से चुनाव लड़ती नजर आ सकती हैं.
पिता-नरेंद्र सिंह तोमर, बेटा-प्रबल प्रताप तोमर
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे प्रबल प्रताप भी विधानसभा चुनाव में उतर सकते है. हालांकि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तो विधानसभा चुनाव नहीं लडेंगे, लेकिन वह अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी में जुटे है. पिछले विधानसभा चुनाव में तोमर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे ऐसे में प्रबल को टिकट नहीं मिल पाया था. लेकिन, प्रबल अपनी दावेदारी पूरी मजबूती से रख रहे है. ऐसे में प्रबल के लिये उनके पिता लोगों से वोट मांगते नजर आ सकते है.