प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिट्ठी लिखकर पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान को बधाई दी है लेकिन उसमें दोनों देशों के बीच बातचीत का प्रस्ताव नहीं है. इससे पहले इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने सभी पड़ोसियों के साथ ‘बेहतरीन संबंध’ रखने की दिशा में काम करना होगा क्योंकि इसके बिना देश में शांति लाना संभव नहीं होगा.
सूत्रों के मुताबिक, इमरान खान को पीएम मोदी द्वारा लिखी गई चिट्ठी के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री को लगता है कि भारत के पीएम की ओर से बातचीत शुरू करने के संदेश दिये जा रहे हैं. पीएम मोदी ने इमरान खान को लिखी चिट्ठी में कहा है कि हम पड़ोसी के साथ अच्छे संबंधों के पक्षधर हैं. हमें दोनों देशों के बीच सृजनात्मक तथा सार्थक संबंधों की दिशा में देखना चाहिए.पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम करीब एक घंटे लंबे भाषण में खान ने आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को आने वाली चुनौतियों को चिह्नित किया और मितव्ययता लाने के लिए व्यापक सुधार करने तथा मंद अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने का वादा किया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने मौजूदा ऋण संकट के लिये पूर्ववर्ती पीएमएल-एन सरकार पर हमला बोला जो बढ़कर 28,000 अरब रुपये हो गया है. उन्होंने कहा कि अपने समूचे इतिहास में देश इतना ऋणग्रस्त कभी नहीं रहा जितना पिछले 10 साल में हो गया है. पाकिस्तान की विदेश नीति के संबंध में खान ने कहा कि पाकिस्तान को “अपने सभी पड़ोसियों के साथ बेहतरीन रिश्ते” बनाने के लिए काम करना होगा. उन्होंने कहा, “मैंने सभी पड़ोसी देशों से बात की है और इंशा अल्लाह हम सभी के साथ अपने संबंध सुधार लेंगे. पड़ोसियों के साथ शांति बनाए बिना हम देश में शांति नहीं ला सकते.” इससे पहले 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के बाद खान ने कहा था कि पाकिस्तान पड़ोसी भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए तैयार है और उनकी सरकार चाहती है कि दोनों पक्षों के नेता बातचीत के जरिए कश्मीर के ‘मुख्य मुद्दे’ समेत सभी विवादों को सुलझाए.’ उन्होंने कहा था, ‘अगर वह हमारी तरफ एक कदम उठाते हैं, तो हम दो कदम उठाएंगे लेकिन हमें कम से कम एक शुरुआत की जरूरत है.’