किसानों के खाते में जमा करवाई गई 2 हजार करोड़ भावान्तर राशि
प्रदेश में किसानों को उनकी कृषि उपज का उचित मूल्य दिलवाने के लिये पायलेट आधार पर खरीफ-2017 से मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना प्रारंभ की गई है। योजना के माध्यम से खरीफ सीजन-2017 में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, तुअर, उड़द और मूंग फसल के लिये 12 लाख 38 हजार किसानों के बैंक खाते में 2000 करोड़ रुपये की भावान्तर राशि जमा करवाई गई है।
योजना में किसान द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में फसल विक्रय करने पर पर मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अन्तर की राशि किसानों के बैंक खाते में जमा करवाने का स्पष्ट प्रावधान है।
वर्ष 2017-18 में प्याज का उत्पादन अधिक होने और प्याज के भाव गिर जाने पर प्याज उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान से उबारने के लिये बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की गई है। योजनान्तर्गत किसानों से 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर 8 लाख 73 हजार मैट्रिक टन प्याज खरीदा गया।
बाजार हस्तक्षेप योजनान्तर्गत लहसुन उत्पादक किसानों को भी राहत दिलाने के मकसद से 800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर लहसुन की प्रोत्साहन राशि दी गई। योजना में एक लाख 80 हजार किसानों को 480 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में बाजार हस्तक्षेप दर के अनुसार किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिये 1000 राज्य सरकार ने किसानों को खसरा खतौनी की नकल वर्ष में एक बार उनके घर पर नि:शुल्क प्रदाय करने की योजना प्रारंभ की है। इसके साथ ही, कृषि उत्पाद लागत और विपणन की बेहतर सुविधा दिलवाने के मकसद से कृषि उत्पाद लागत और विपणन आयोग का गठन करने का निर्णय भी लिया गया है।करोड़ रुपये की राशि से मूल्य स्थिरीकरण कोष का गठन किया गया है।