झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की अंतरिम जमानत रद्द कर दी और उनसे 3० अगस्त तक आत्मसमर्पण करने को कहा। 10 अगस्त को पूर्व नेता की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि वह अस्थायी जमानत पर घर में नहीं रह सकते हैं।
लालू यादव को मई में इलाज के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी जिसे बाद में उच्च न्यायालय ने बढ़ा दिया था। चारा घोटाले के एक मामले में दिसंबर 2017 को दोषी करार दिए जाने के बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रखे गए थे।
उन्हें जनवरी व मार्च 2018 में दो अन्य मामलों में दोषी करार दिया गया और 14 साल की जेल की सजा दी गई। वह साल 2013 में चारा घोटाला मामले में पहली बार दोषी करार दिए गए थे और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
करोड़ों रुपये का चारा घोटाला लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 1990 के दशक में सामने आया था। पटना उच्च न्यायालय के निदेर्श पर जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया था।