18वें एशियाई खेलों में जहां एक ओर खिलाड़ी अपने देश को मेडल दिलाने के लिए अपने विरोधियों से लोहा ले रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने विरोधियों को इस तरह सम्मान दिया कि इन खेलों की शान में चार चांद लगा दिए। एशियाई खेलों के चौथे दिन यानि बुधवार को ऐसा ही एक शानदार नजारा देखने को मिला जब एक चोटिल भारतीय खिलाड़ी को उसके विरोधी ने कंधा दिया।
भारत के वुशु खिलाड़ी सूर्य भानू प्रताप सिंह ने 18वें एशियाई खेलों में भारत के लिए कांस्य पदक जीता। हालांकि वो अपना सेमीफाइनल मुकाबला हार गए थे। सूर्य का मुकाबला सांडा स्पर्धा के 60 किलोग्राम भारवर्ग में ईरान के इरफान अहानगारियान से हुआ। इस मुकाबले की बीच में सूर्य को लड़ते हुए पैर में गंभीर चोट आ गई। चोट के कारण वो चल भी नहीं पा रहे थे, लेकिन उन्होंने इसके बाद भी लड़ाई जारी रखी और अपना मैच पूरा किया।
ईरान के खिलाड़ी इरफान ने सूर्य को 2-0 से मात दी। लेकिन मैच जीतने के बाद जब उन्होंने देखा कि सूर्य को चलने में काफी दिक्कत हो रही है तब उन्होंने खेल भावना की मिसाल कायम कर दी। ईरान के खिलाड़ी ने भारतीय खिलाड़ी को गोद में उठाया और उन्हें भारतीय दल के पास छोड़कर आए। इस घटना को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। ईरान के खिलाड़ी के इस नेक काम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसकी लोग खूब तारीफ भी कर रहे हैं। भारत ने वुशु खेल में चार खिलाड़ी भेजे थे और चारों ने कांस्य पदक हासिल किए। नाओरेम रोशिबिना देवी, संतोष कुमार, सूर्य भानु प्रताप सिंह और नरेंदर ग्रेवाल को सेंडा स्पर्धा के सेमीफाइनल मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा लेकिन इन्होंने भारत को एशियाई खेलों में एतिहासिक चार कांस्य पदक दिलाए। भारत ने इससे पहले 2006, 2010 और 2014 एशियाई खेलों की वुशु स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन मौजूदा खेलों का उसका प्रदर्शन अब तक का सर्वश्रेष्ठ है।