भाद्र का अर्थ है – कल्याण देने वाला. भाद्रपद का अर्थ है – भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना. यह महीना लोगों को व्रत,उपवास,नियम तथा निष्ठा का पालन करवाता है. अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है.
मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महीना काफी कारगर है.
इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है .
श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है.
इस बार भाद्रपद का महीना 27 अगस्त से 25 सितम्बर तक रहेगा
भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां क्या हैं ?
इस महीने में कच्ची चीजें खाने से परहेज करें
दही का प्रयोग करना पूर्ण रूप से वर्जित है.
इस महीने में रक्तचाप बढ़ने की सम्भावना होती है , इसका ध्यान रखना चाहिए.
शीतल जल से दोनों वेला स्नान करें , ताकि आलस्य दूर हो पाए.
भगवान कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और तुलसी दल को चाय या दूध में उबालकर पीना अच्छा होगा .
भाद्रपद मास के व्रत और त्यौहार कौन कौन से हैं ?
इस महीने में गणेश चतुर्थी और गणेश महोत्सव का पर्व आता है
इसी महीने में श्रीकृष्ण, बलराम और राधा का जन्मोत्सव भी आता है
इस महीने में महिलाओं के सौभाग्य का पर्व हरितालिका तीज आता है
इसी महीने में अनंत पुण्य प्राप्त करने का पर्व “अनंत चतुर्दशी” भी आता है
इस माह में श्रीकृष्ण की कृपा कैसे मिलेगी ?
इस महीने में दही का प्रयोग तो वर्जित है परन्तु अगर पूरे माह श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराया जाय तो तमाम मनोकामनाएँ पूरी हो सकती हैं .
जिनलोगों को संतान सुख नहीं है , उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण का जन्म कराना चाहिए या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए.
इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है .
इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना से घर में धन और सम्पन्नता आती है.
भगवान् गणेश के आशीर्वाद के लिए इस माह क्या करें ?
विद्या , बुद्धि और ज्ञान के लिए इस माह श्री गणेश की उपासना करें
पीले रंग के भगवान् गणेश की स्थापना करें
नित्य प्रातः उनको दूर्वा और मोदक का भोग लगायें
पूरे माह सात्विक रहें
हर प्रकार की बाधा का नाश होगा