ऊना। जिले में लगभग 500 करोड़ के प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पीजीआई सेटेलाइट सेंटर के अस्थाई तौर पर संचालन की मंजूरी मिल गई है। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने उपायुक्त को क्षेत्रीय अस्पताल में इसके संचालन के आदेश जारी कर दिए।उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल में सेटेलाइट सेंटर का संचालन तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों की टीम पीजीआई से जल्द ऊना पहुंच रही है। सोमवार को एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने सेटेलाइट सेंटर के अस्थाई कैंप में ज्वाइनिंग भी दे दी है।
सूत्रों के अनुसार पीजीआई चंडीगढ़ से डॉ. अनमोल ने पीजीआई सेटेलाइट सेंटर के लिए ऊना में ज्वाइन किया है। बताया जा रहा है कि भवन निर्माण तक ऊना अस्पताल में चलने वाले अस्थाई सेंटर में कई विशेषज्ञ चिकित्सक जल्द तैनात कर दिए जाएंगे। इनमें स्किन, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी तथा नेफ्रोलॉजी आदि के विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल रहेंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रमन कुमार ने बताया कि इन विभागों के चिकित्सकों का ऊना अस्पताल में अभाव है।
पीजीआई से रिक्त विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का आग्रह किया गया है। ताकि इसका लाभ अस्पताल आने वाली जनता को मिल सके। उन्होंने बताया कि इसको लेकर शुक्रवार को एक विशेष टीम ऊना पहुंच रही है। अस्पताल की ओर से छह कक्ष पीजीआई को अलॉट कर दिए गए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से चिकित्सकों के रहने और ठहरने का इंतजाम किया जा रहा है।
पीजीआई सेटेलाइट सेंटर के लिए जिला मुख्यालय के साथ लगते मलाहत में लगभग 416 कनाल भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया करीब-करीब पूरी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक यहां रास्ते को लेकर फंसा पेंच भी सुलझ गया है। उपायुक्त राकेश प्रजापति ने बताया कि केंद्र के लिए चिह्नित भूमि के रास्ते को लेकर भूमि मालिकों से बातचीत अंतिम दौर में है। यहां लगभग 55 लाख रुपये भू मालिकों को पीजीआई की ओर से अदा किए जाने हैं। इसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। प्रोजेक्ट पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पूर्व क्षेत्रीय अस्पताल में इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। गौर हो कि ऊना सदर से पूर्व विधायक सतपाल सत्ती की मांग पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ऊना के लिए सेटेलाइट सेंटर जैसे अहम प्रोजेक्ट को लेकर घोषणा की थी।
पीजीआई सेटेलाइट सेंटर खुलने से ऊना में मरीजों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं मिलेंगी। इसके संचालन से दुर्घटना आदि स्थिति में ट्रॉमा सेंटर की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां मरीजों की वेस्कुलर सर्जरी की जा सकेगी। फिलहाल अस्थायी कैंप में विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देंगे। अभी तक लोगों को इन सुविधाओं के लिए चंडीगढ़ पीजीआई अथवा निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। गौर हो कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों के कई पद खाली हैं। फिलहाल अस्पताल में इस केंद्र के संचालन से विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पूरा हो जाएगी। इससे जिले से आने वाले मरीजों को एक ही छत के नीचे विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।