एक छोर पर गंदगी बह रही थी तो उसी समय रावी नदी के दूसरे छोर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित की जा रही थीं। अस्थि विसर्जन को चुने गए स्थान को देखकर हर कोई हैरान हो रहा है।
दरअसल, सोमवार को चंबा के परेल में अटल जी की अस्थियां प्रवाहित की गईं। पार्टी के दिग्गज नेता अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। लेकिन दूसरे छोर पर बड़े पैमाने पर गंदगी नदी में बह रही थी। इसमें भारी मात्रा में कूड़ा कर्कट, फटे पुराने जूते, चप्पल, गंदे लिफाफे, कपड़े सहित अन्य गंदा सामान बह रहा था। जबकि इससे कुछ मीटर आगे पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियों को विसर्जित करने का कार्यक्रम चल रहा था।
रावी के गंदे स्थल के नजदीक अस्थि विसर्जन को लेकर दिन भर लोग सवाल उठाते रहे। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने कहा कि रावी तट पर ऐसे कई स्थल हैं, जहां गंदगी नहीं है।लेकिन भाजपा नेताओं ने ऐसा स्थल चुना, जिसके पास से गंदगी बहती है। यह जल्दबाजी को दर्शाता है।
हैरत इस बात की भी जताई जा रही है कि चंबा कांगड़ा के सांसद शांता कुमार व स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, विस उपाध्यक्ष हंसराज सहित अन्य विधायकों की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ। अतिथियों के लिए सड़क से रावी के मुहाने तक मैट बिछाई गई थी जबकि गंदगी की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।