हिमाचल में मूसलाधार बारिश से करोड़ाें रुपये का नुकसान हुआ है। मूसलाधार बारिश से हिमाचल में 1070.47 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश में 35 लोगों की मौत हुई है, जबकि 232 पशुओं के पानी में बहने से मौत हो गई। प्रदेश में 1613 मकान ध्वस्त हो गए। जिला कांगड़ा में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। 2 लोगों और 78 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 466 मकान गिरे हैं। मंडी में 5 लोगों की मौत 56 पशु मरे और 171 मकान ध्वस्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधायक बिक्रम सिंह के लिखित प्रश्न के उत्तर में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, शिमला में दो-दो लोगों की मौत हुई, जबकि कुल्लू, ऊना में तीन-तीन सोलन में 10, मंडी में पांच लोगों की मौत हुई है।
लोक निर्माण विभाग को 672.05 करोड़, आईपीएच 266.27, विद्युत बोर्ड 24.49, कृषि 75.82, उद्यान विभाग 5.79, शिक्षा को 3.87, मत्स्य 0.63 और पशुपालन विभाग को 0.08 करोड़ का नुकसान हुआ है।आईपीएच एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आठ माह में केंद्र से अभी तक 9591 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत कर हिमाचल लाए हैं। वे पिछले तीस साल से सदन के सदस्य रहे हैं।
उन्होंने कई मुख्यमंत्रियों के साथ कार्य किया है, परंतु इतने कम समय में कोई भी मुख्यमंत्री इतनी राशि हिमाचल के लिए नहीं ला पाया है। मंत्री महेंद्र सिंह ने सदन में वक्तव्य रखते पढ़ते हुए कहा कि पूर्व में आठ माह में कोई सरकार इतनी राशि नहीं ला पाई। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वाईएस परमार, स्वर्गीय ठाकुर रामलाल, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ भी काम किया। केंद्र से इतने कम समय में कोई भी मुख्यमंत्री 9591 करोड़ की राशि के प्रोजेक्ट मंजूर कराए हैं। 798 करोड़ की योजना एडीबी योजना के लिए वित्तीय मदद कर कर रही है। इसमें एडीबी 80 फीसदी और राज्य सरकार बीस फीसदी वित्तीय भागीदारी निभाएंगे।
वर्षा जलागम और सिंचाई का प्रोजेक्ट 4749 करोड़ की है। इससे प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। पांच हजार फुट से नीचे के क्षेत्रों के लिए बागवानी का 1988 करोड़ की प्रोजेक्ट लाया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की संस्कृति को जीवित रखा जाएगा। सरकार की कोशिश रहेगी कि जिला, राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिमाचल कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा मौका मिले। लेकिन लोगों की च्वाइस का भी ध्यान रखना पड़ता है।
इसके चलते जब भी राज्य स्तरीय फेस्टिवल होते है तो इसमें एक नाइट में बड़े (फिल्मी कलाकार) होता है जबकि अन्य हिमाचल के कार्यक्रम ही रहते हैं। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधायक इंद्र दत्त लखनपाल और जगत सिंह नेगी की ओर से पूछे गए प्रश्न के उतर में दी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में होने वाले राज्य स्तरीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेलों में आय व्यय का सरकार ऑडिट करवाएगी। उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजनों पर काफी पैसा खर्च होता है। इसके लिए स्पांसरशिप भी लाई जाती है।
उन्होंने माना कि यह सही बात है कि हिमाचल कलाकारों कम पैसा दिया जाता है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कलाकार को 1 लाख व इससे ज्यादा राशि दी जाती है। बड़ी बात यह है कि इन्हें दो से तीन गानों का इनती राशि का भुगतान किया जाता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इनके हितों को सुरक्षित रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से आवेदन आते हैं। आवेदन इतने ज्यादा होते हैं कि सभी को मौका देना संभव नहीं रहता। जिला स्तर पर कमेटियां होता है वह ही कलाकारों का चयन करते हैं। कमेटी ही कलाकारों से रेट की कुटेशनें मांगती है।