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मूल्य आधारित शिक्षा पर बल दें शिक्षक : जय राम ठाकुर…

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शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री ने 20 शिक्षकों को राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार प्रदान किएमुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस राजकीय महाविद्यालय संजौली में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह के अवसर पर राज्य के 20 अध्यापकों को राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर अध्यापकों, विशेषकर पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक सही मायने में राष्ट्र के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को मूल्य आधारित शिक्षा पर बल देना चाहिए और विद्यार्थियों को भी अपने मूल्यों, संस्कृति तथा परम्पराओं का सम्मान करने की शिक्षा प्रदान करनी  चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों, अध्यापकों तथा बुजुर्गों के अलावा देश के प्रति प्रेम व सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि अध्यापक तथा शिष्य के बीच एक पवित्र रिश्ता होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं, क्योंकि वे विद्यार्थियों में उच्च नैतिक मूल्यों का प्रवाह कर उनके जीवन की एक मजबूत नींव रखते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों विद्यार्थियों का विकास इस प्रकार करना चाहिए जिससे वे अपनी निजी छवि बनाने में सक्षम बन सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अनेक नई योजनाएं आरम्भ की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 7044 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि पाठशालाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए विद्यार्थियों की प्रेरणा के लिए ‘अखण्ड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती’ योजना की शुरूआत की गई है।

अपने स्कूली दिनों का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिले के उच्च पाठशाला बगश्याड़ के मुख्याध्यापक बिहारी लाल शर्मा ने उन्हें अनुशासन, कठिन परिश्रम तथा ईमानदारी की महान शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का आचार व व्यवहार विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी व प्रोत्साहित करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और इसका श्रेय राज्य के अध्यापकों को जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से अघ्यापकों, अभिभावकों तथा विद्यार्थियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक माहौल विद्यार्थियों की रूचि तथा क्षमता के अनुरूप होना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने युवाओं में नशाखोरी तथा नशीले पदार्थों के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि युवाओं को इन बुरी आदतों से बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उन्हीं के प्रयासों से नशे जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस सामाजिक बुराई के विरूद्ध शीघ्र ही प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करेगी।

मुख्यमंत्री ने संजौली कॉलेज के भवन की छत की मुरम्मत व जीर्णोद्वार के लिए 15 लाख रुपये की घोषणा की। उन्होंने घोषणा की कि महाविद्यालय में शीघ्र ही छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को अपनी ऐच्छिक निधि से 31 हजार रुपये की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने ‘नई तालिम’ पुस्तिका का भी विमोचन किया।

जय राम ठाकुर ने शिमला जिले के राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नेरवा के प्रधानाचार्य केवल राम चौहान, सिरमौर जिले के रावमापा अम्बोया के प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह नेगी, हमीरपुर जिले के रावमापा बयाड़ के प्रवक्ता नरदेव सिंह, मण्डी जिले के रावमापा छात्रा सुन्दरनगर के डीपीई रमेश चन्द, किन्नौर जिले रावमापा शौंग के डीपीई कर्म चन्द, हमीरपुर जिले के रावमापा मटाहणी की कला अध्यापक पवन बाला, शिमला जिला के रावमापा शामठा के कला अध्यापक केवल राम कान्टा, कांगड़ा जिले के रावमापा मुल्थान के शास्त्री लाल चन्द, हमीरपुर जिले के राजकीय उच्च पाठशाला डुघा के पीईटी जोगिन्द्र सिंह शांडिल, सिरमौर जिले के राजकीय प्राथमिक पाठशाला सन्धराह के जेबीटी जय प्रकाश, हमीरपुर जिले के केन्द्र प्राथमिक पाठशाला हमीरपुर की केन्द्रीय मुख्य शिक्षक कुशमा कुमारी, हमीरपुर जिले के केन्द्र प्राथमिक पाठशाला भोटा के केन्द्रीय मुख्य शिक्षक सन्दीप कुमार, शिमला जिले के राजकीय प्राथमिक पाठशाला बधार की जेबीटी निशा कुमारी, कांगड़ा जिले के केन्द्र प्राथमिक पाठशाला कोठी की केन्द्रीय मुख्य शिक्षक आशा रानी, राजकीय प्राथमिक पाठशाला कुफरी जिला शिमला की जेबीटी अंकिता वालिया तथा शिमला के केन्द्रीय मुख्य शिक्षक संजीव जिस्टु को राज्य पुरस्कार प्रदान किए गए।

इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने शिमला जिले के रावमापा लालपानी के प्रवक्ता संजय देशटा, कांगड़ा जिले के खनियारा खास के जनमज्य सिंह गुलेरिया तथा रावमापा मण्डी की टीजीटी मीना कुमारी को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने कहा कि महान शिक्षाविद् तथा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी स्व. डॉ. एस. राधाकृष्णन, जिनकी अध्यापन में गहरी रूचि थी, के जन्म दिवस के मौके पर हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश गुणात्मक शिक्षा पर विशेष बल दे रहा है और इसमें अध्यापकों को एक बड़ी भूमिका का निवर्हन करना है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों को अपने जीवन में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का एक मात्र राज्य है, जहां 11वीं कक्षा में शत-प्रतिशत नामांकन है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को विद्यार्थियों की भलाई के लिए अध्यापन में नई पहल व नवोन्मेष के साथ आगे आना चाहिए।

शिक्षा सचिव डॉ. अरूण शर्मा ने हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का ‘शिक्षा हब’ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को सूचना-प्रौद्योगिकी के नए दौर में नई चुनौतियों के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर महाविद्यालय तथा स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप, शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में उपस्थित रहे।

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