दूध एक अपारदर्शी सफ़ेद पेय पदार्थ है. दूध में 85 प्रतिशत जल और शेष भाग में खनिज और वसा होता है. यह कैल्शियम, फास्फोरस और अन्य पोषक तत्वों से लबालब होता है. दूध को सम्पूर्ण आहार की श्रेणी में रक्खा जाता है. दूध का नियमित और सही सेवन व्यक्ति को उर्जावान और स्वस्थ रखता है. प्राकृतिक चिकित्सा में दुग्ध कल्प से तमाम रोगों को ठीक किया जा सकता है. दूध को सामान्य रूप से सात्विक आहार की श्रेणी में रखा जाता है. ज्योतिष में दूध का सम्बन्ध चन्द्रमा से है.
दूध का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व क्या है ?
दूध को धर्म के और मन पर प्रभाव के दृष्टिकोण से सात्विक जाता है
इसमें भी गाय का दूध सर्वाधिक पवित्र और अच्छा समझा जाता है
शिव जी के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष प्रयोग होता है
दूध से रुद्राभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं
सोमवार के दिन दूध का दान करने से चन्द्रमा मजबूत होता है
जल में थोडा सा दूध डालकर स्नान करने मानसिक तनाव दूर होता है चिंताएं कम होती हैं
दूध के प्रयोग का सही तरीका क्या है ?
दूध उबालकर ठंडा करके ही पीना बेहतर होगा
कांच या स्टील के बर्तन का प्रयोग ज्यादा अच्छा होता है
चांदी के पात्र में दूध पीना बहुत ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होता है
दूध के साथ शहद और मिसरी का प्रयोग सर्वोत्तम होता है
ठंढा दूध तभी पीयें जब मोटापे की समस्या न हो
दूध से अगर पेट फूलता हो तो उसमे सौंफ मिलाकर उबालकर पीना चाहिए
दूध के प्रयोग की सावधानियां क्या हैं ?
बिना उबाले हुए कभी भी दूध न पीयें
ताम्बे के बर्तन से न तो दूध पीयें और न ही अर्पित करें
दूध के साथ मछली का सेवन करना खतरनाक हो सकता है
अगर पेट या त्वचा की समस्या है तो दूध का प्रयोग नहीं करना चाहिए
अगर दूध अर्पित करते हैं तो इसे व्यर्थ न होने दें
बेहतर है दूध को पात्र समेत ही अर्पित कर दें, ताकि कोई और इसका प्रयोग कर सके
चन्द्रमा और शुक्र को मजबूत करने के लिए दूध का प्रयोग कैसे करें ?
अगर चन्द्रमा से कष्ट हो तो सोमवार को दूध का दान करें
अगर चन्द्रमा से लाभ लेना हो तो रात्रि में अनाज कम खाएं, दूध पीयें
अगर शुक्र से लाभ लेना हो तो दोपहर में दही खाएं
अगर मधुमेह की समस्या हो तो गाय का ही दूध पीयें
अथवा मिटटी के पात्र से दूध पीयें