भारत बंद के दौरान कल बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ग्राफिक्स ट्वीट किया गया. कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कांग्रेस के नेतृत्व में 20 से ज़्यादा दलों के समर्थन वाले बंद ने शायद बीजेपी का उतना नुकसान नहीं किया, जितना तेल की कीमतों को लेकर किए गए इस ट्वीट ने किया.
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हैंडल से जो ट्वीट किया गया था उसमें कांग्रेस की सरकार के दौरान तेल की जो कीमतें रही थीं, उनसे वर्तमान कीमत की तुलना की गई थी. इस तुलना में मनमोहन सरकार के कार्यकला के एक तारीख 16 मई 2014 से वर्तामान कीमत की तुलना करने के लिए सरकार ने कल के पेट्रोल की कीमत को चुना.
ऐसा करने के दौरान ग्राफिक्स से तो साफ नहीं था कि पार्टी का सोशल मीडिया चलाने वाले क्या करना चाह रहे हैं. क्योंकि 16 मई 2014 को जो कीमत थी वो 56.71 रुपए प्रति लीटर की थी. वहीं, बीजेपी के ट्वीट में कल तेल की कीमत 72.82 रुपए दिखाई गई. ऐसे में सामान्य नज़रों को तो 72.82 रुपए प्रति लीटर की कीमत 56.71 रुपए प्रति लीटर से ज़्यादा नज़र आ रही थी. लेकिन बीजेपी आईटी सेल इसे कम करके दिखा रहा था जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर इस ट्वीट की जमकर ट्रोलिंग हुई.
वहीं, कांग्रेस के आईटी सेल ने इस ट्वीट में ‘सुधार’ तो किया ही, साथ ही सरकार को ट्रोल करते हुए लिखा, “भारत के लोगों, इसलिए हम देश की अर्थव्यवस्था चलाने में बेहतर हैं और इसी वजह से आपको हमें जिताकर सत्ता में वापस लाना चाहिए.” दरअसल, कांग्रेस ने इस ट्वीट में आखिरी टैब को ठीक करते हुए 72.82 रुपए प्रति लीटर की कीमत को 56.71 रुपए प्रति लीटर की कीमत से ऊपर कर दिया जिससे ये तुलना ठीक लग रही थी.
ये ग्राफिक्स इस पर बनाया गया था कि दोनों सरकारों के दौरान कच्ची तेल की कीमतों की तुलना में पेट्रोल की कीमतें कितनी रहीं. पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ ही कल कांग्रेस ने देश भर में भारत बंद बुलाया था जिसे 20 से ज़्यादा दलों का समर्थन प्राप्त था. इस बंद का खासा असर देखने को मिला. इसी बंद के दबाव में सरकार ने विपक्ष को जवाब देने के लिए ये ट्वीट किया था, लेकिन उसे शायद ही पता होगा कि उसका एक ट्वीट उसकी ऐसी ट्रोलिंग का कारण बनेगा.