इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज गंवा चुकी भारतीय टीम हालांकि पांचवां और आखरी टेस्ट बचाने के लिए जूझ रही है, लेकिन हनुमा विहारी के लिए उनका पदार्पण टेस्ट यादगार माना जाएगा 24 साल के हनुमा को इंग्लैंड की पहली पारी में सिर्फ एक ओवर फेंकने का मौका मिला, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित कर दिखाई. उन्होंने दो लगातार गेंदों पर विकेट लेकर अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करा लिया.
अपने डेब्यू मैच में हनुमा 35 साल में पहली बार दो लगातार गेंदों पर विकेट हासिल करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए. इससे पहले जनवरी 1983 में बलविंदर सिंह संधू ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में दो गेंदों में दो विकेट चटकाए थे. तब उन्होंने हैदराबाद (सिंध) टेस्ट में मोहसिन खान और हारून रशीद को पवेलियन की राह दिखाई थी.
दूसरी तरफ हनुमा अपनी डेब्यू पारी में अर्धशतक (56 रन) भी जमा चुके हैं. इसके साथ ही अपने पहले ही टेस्ट में फिफ्टी और दो लगातार गेंदों पर विकेट हासिल करने वाले वह एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं. भारत को लंबे इंतजार के बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी में हनुमा विहारी (37 रन देकर तीन विकेट) ने सफलता दिलाई. जिन्हें विराट कोहली ने काफी देर बाद आक्रमण पर लगाया.
विहारी ने अपने 8वें ओवर की पहली दो गेंदों पर जो रूट और एलिस्टेयर कुक को आउट किया. रूट ने तेजी से रन बनाने के प्रयास में स्लॉग स्वीप खेला, लेकिन गेंद देर से बल्ले तक पहुंची और ऊपरी किनारा लेकर डीप मिडविकेट पर खड़े हार्दिक पंड्या के पास पहुंच गई, जो चोटिल ईशांत शर्मा की जगह क्षेत्ररक्षण कर रहे थे. विहारी का यह पहला टेस्ट विकेट था.
विहारी ने अगली गेंद पर कुक को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच कराया और इसके साथ ही विश्व क्रिकेट के बेजोड़ बल्लेबाजों में से एक के करियर का अंत हो गया. भारतीय खिलाड़ियों ने हाथ मिलाकर कुक को विदाई दी, जबकि दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. इनमें उनकी पत्नी और बेटियां भी शामिल थीं.