पिछली वीरभद्र सरकार के दौरान आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को सरकार ने जांच बंद कर राहत दे दी है। लेकिन उनके सांसद बेटे अनुराग ठाकुर और छोटे बेटे अरुण धूमल के खिलाफ चल रही जांच बंद नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद ब्यूरो ने केवल धूमल को ही राहत देते हुए यह कदम उठाया है।वीरभद्र सरकार के गठन के साथ ही धूमल परिवार के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने जांच खोल दी थी।
इनमें आय से अधिक संपत्ति के मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की गई। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास माने जाने वाले तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यूडी नेगी के नेतृत्व में विशेष जांच इकाई को इसकी जांच सौंपी गई। पांच साल तक ब्यूरो जांच करता रहा।इस दौरान जलंधर से लेकर चंडीगढ़, दिल्ली तक अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति की जांच की गई लेकिन ब्यूरो को सफलता हाथ नहीं लग सकी। चूंकि मामला सीधे मुख्यमंत्री के निर्देशों से जुड़ा था, इसलिए ब्यूरो ने जांच को बंद भी नहीं किया।
लेकिन जयराम सरकार के सत्ता में आते ही धूमल के खिलाफ चल रही इन्क्वायरी को बंद करने का दबाव शुरू हो गया। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने ब्यूरो से धूमल परिवार के केसों से संबंधित पूरा ब्योरा तलब किया। जब पांच साल की प्रारंभिक जांच में कोई साक्ष्य न मिलने की बात सामने आई तो धूमल मामले की जांच बंद कर दी गई। हालांकि मामले में ब्यूरो ने अभी भी अनुराग व अरुण की जांच को बंद नहीं किया है।