शनि मानव जीवन में कर्म और उसके फल से सम्बन्ध रखता है. बिना शनि की कृपा के में कोई भी व्यक्ति आजीविका नहीं पा सकता. शनि की कृपा के बिना न तो विवाह होता है और न ही संतान होती है. शनि व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक उपलब्धि भी देता है. अगर शनि देव प्रसन्न हों तो बिगड़े काम बन जाते हैं, अत्यधिक सफलता मिलती है. अगर शनिदेव नाराज़ हों तो बने हुए काम या तो बिगड़ जाते हैं या रुक जाते हैं.
जब व्यक्ति सत्य बोलता है और अनुशासित रहता है
जब व्यक्ति कमजोर और निर्बल लोगों की खूब सेवा करता है
जब व्यक्ति अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा करता है
जब व्यक्ति फलदार और लम्बी अवधि तक रहने वाले पेड़ लगाता है
जब व्यक्ति भगवान शिव की या कृष्ण की नियम पूर्वक उपासना करता है
जब व्यक्ति अकारण झूट बोलता है तथा कपट करता है
जब व्यक्ति बुजुर्गों या माता-पिता का अपमान करता है
जब व्यक्ति किसी का हक छीन लेता है खास तौर से कमजोर और दुर्बल लोगों का या महिलाओं का
जब व्यक्ति हरे वृक्ष काटता है या गर्भपात करता-करवाता है
जीवन में ईमानदार बनें,सत्य बोलें तथा बड़े बुजुर्गों को सम्मान दें
तुलसी के पौधे में तथा पीपल में जल डालें
शनिवार सायंकाल सरसों के तेल का दीपक चौराहे या पीपल के नीचे जलाएँ
कभी भी हरे पेड़ न काटें तथा गर्भपात और भ्रूण परिक्षण न करवायें
सूर्योदय के पूर्व अवश्य जागें तथा शिव जी की उपासना करें
शनि देव के मूल मंत्र का जाप करें -“ॐ शं शनैश्चराय नमः”