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शाह ने कहा- देश में मूर्खता के लिए एक ही जगह है और उसे कांग्रेस कहते हैं….

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर माओवादियों और भ्रष्ट तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया। शाह ने कहा- देश में मूर्खता के लिए एक ही जगह है और उसे कांग्रेस कहते हैं। शाह की यह प्रतिक्रिया भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आई। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग खारिज कर दी। इस बीच राहुल ने ट्वीट किया- समाचार ही मोदीजी का प्रचार है।

माओवादियों का समर्थन करती है कांग्रेस- शाह

  1. शाह ने ट्वीट में यह भी लिखा, “कांग्रेस भारत के टुकड़े-टुकड़े गैंग, माओवादियों, फर्जी समाजसेवियों और भ्रष्ट तत्वों का समर्थन करती है। जो लोग ईमानदार हैं और काम कर रहे हैं, उन्हें बदनाम कर रही है। राहुल गांधी की कांग्रेस में आपका स्वागत है।”

    भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, ”कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति की। कांग्रेस और विरोधियों ने कहा था कि जो लोग सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि यह बदले की भावना से की गई गिरफ्तारी नहीं है।”

    पात्रा ने कहा- कोर्ट का फैसला राष्ट्र की जीत और कांग्रेस की हार है। राहुल गांधी खुद को राजनीति के मध्य में लाने के लिए जिस प्रकार के काम कर रहे हैं। इस फैसले से वे उजागर हो गए हैं। वे इस ब्रिगेड के साथ खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।

    राहुल गांधी ने 28 अगस्त को ट्वीट कर पांचों कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था- “भारत में केवल एक एनजीओ की जगह है, वह आरएसएस है। सभी एनजीओ को बंद कर दो। जो शिकायत करते हैं, उन सभी कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दो। नए भारत में आपका स्वागत है।” राहुल ने शुक्रवार को ट्वीट किया- देश का चौकीदार “खुल जा सिम-सिम’ कब कहता है? अनिल अंबानी को राफेल घोटाले में 1,40,000 करोड़। 50 करोड़ भारतीयों को आयुष्मान भारत में 2000 करोड़। 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा झुनझुने पर मोदीजी का सालाना प्रतिव्यक्ति खर्च मात्र 40। वाह मोदीजी वाह, समाचार ही आपका प्रचार।
    भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को कहा- पांचों कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं, बल्कि पहली नजर में ऐसे साक्ष्य हैं जिनसे प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के साथ उनके संबंधों का पता चलता है।”

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