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श्री नैना देवी एवं श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे के निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर….

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हिमाचल प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हुआ जब श्री नैना देवी व श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की उपस्थिति में दोनों राज्यों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। समझौता ज्ञापन पर हिमाचल प्रदेश की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह और पंजाब की ओर से पर्यटन सचिव विकास प्रताप सिंह ने हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह रोपवे दोनों राज्यों के बीच एक भावनात्मक सेतु साबित होगा और इससे दोनों राज्यों में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा इस रोपवे का सपना बहुत पहले साकार हो जाना चाहिए था, लेकिन अब दोनों राज्य मिलकर इसके निर्माण को आगे बढ़ाएंगे और यह रोपवे दोनों राज्यों का संयुक्त उपक्रम  होगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 210 करोड रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस रोपवे का निर्माण ‘श्री नैना देवी जी और श्री आनंदपुर साहब जी रोपवे कंपनी प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया जाएगा। इसके निदेशक मंडल में 10 सदस्य होंगे, जिनमें 5 निदेशक हिमाचल प्रदेश सरकार और पांच निदेशक पंजाब सरकार द्वारा मनोनीत किए जाएंगे। निदेशक मंडल के चेयरमैन पंजाब सरकार द्वारा मनोनीत किये जाएंगे जबकि प्रबंध निदेशक की तैनाती हिमाचल प्रदेश सरकार करेगी। शुरुआती पूंजीगत निवेश में 50-50 लाख रुपए की राशि दोनों राज्यों द्वारा जमा करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अप्पर टर्मिनल प्वाइंट श्री नैना देवी में होगा। दोनों राज्यों के पर्यटन विभाग इसकी नोडल एजेंसी के रूप में काम करेंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2012-13 में भी इस रोपवे के निर्माण का प्रयास किया गया था और इसके लिए 14 एकड़ भूमि भी अधिकृत की गई थी लेकिन किन्ही परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया। उन्होंने कहा जिस तरह 52 शक्तिपीठों में से एक श्री नैना देवी हिमाचल प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, उसी तरह श्री आनंदपुर साहब भी एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र है। धार्मिक महत्व के इन दोनों स्थलों का आपस में जुड़ना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नया मील पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 26 फरवरी, 2018 को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ यह मामला उठाया था और इसके बाद राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस सम्बन्ध में पंजाब के अधिकारियों के साथ लगातार सम्पर्क में थे। उन्होंने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश व पंजाब दोनों राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में न केवल मील पत्थर साबित होगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी इन दोनों धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने में सुविधा मिलने के साथ-साथ दोनों राज्यों के बीच प्रेम व आपसी भाईचारे को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नैना देवी मंदिर में शीश नवाने 80 प्रतिशत श्रद्धालु पंजाब से आते हैं और पिछले 1 साल में 25 लाख श्रद्धालुओं ने इस शक्तिपीठ में शीश नवाया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन दोनों धार्मिक स्थलों के बीच लंबित रोपवे के निर्माण के लिए जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा तो उन्होंने तुरंत इसका सकारात्मक जवाब दिया और इस प्रस्ताव को आगे बढ़ा कर दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक संबंधों की एक नई शुरुआत की। उन्होंने इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का आभार व्यक्त किया तथा इस समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षरित होने को एक ऐतिहासिक पल बताया।
इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस रोपवे के के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई चढ़ने से मुक्ति मिलेगी और पंजाब के श्रद्धालु आराम से इस धार्मिक स्थल तक पहुंच कर वहां अपने श्रद्धा के फूल अर्पित कर सकेंगे। उन्होंने कहा दोनों राज्यों के लोग इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ता देखना चाहते हैं और 3 साल के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा पंजाब सरकार भी इस प्रोजेक्ट का सपना साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा यह प्रोजेक्ट दो धर्मो के बीच आपसी भाईचारे व सद्भावना की डोर को और मजबूत करेगा।
पंजाब के पर्यटन व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस अवसर पर कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इससे बड़ा तोहफा मानवता के लिए कोई और नहीं हो सकता। उन्होंने कहा इस परियोजना पर दोनों राज्यों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होना दोनों राज्यों के लिए  सुखद क्षण है।
इस एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निवास स्थान पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई, जिसमें पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह व दोनों राज्यों के आला प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि श्री आनंदपुर साहिब धार्मिक स्थल उनके विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है और इस धार्मिक स्थल का शक्तिपीठ श्री नैना देवी से रोपवे के जरिए जुड़ने से उनके विधानसभा क्षेत्र के लोगों को सर्वाधिक लाभ होगा।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, पंजाब के मुख्य सचिव कर्ण अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रोहित सावल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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