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इंदौर:कार्यकर्ताओं से संवाद करने दशहरा मैदान पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह….

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इंदौर. महा जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार दोपहर इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की। शाह एयरपोर्ट से सीधे राजबाड़ा के लिए रवाना हुए। उधर, शाह के आगमन का विरोध कर रहे सपाक्स कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बापट चौराहे पर तीखी बहस हुई। शाह को काले झंडे दिखाने की कोशिश कर रहे क्षत्रिय राजपूत महासभा के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेंद्र गौतम, सतीश शर्मा, अनूप शुक्ला को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

शाह का पूरा दिन मालवा-निमाड़ में बीतेगा। शाह एयरपोर्ट से सीधे राजबाड़ा पहुंचे और यहां महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन कर अहिल्या प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। शाह के साथ लोस स्पीकर सुमित्रा महाजन, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अहिल्या प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां से शाह ने पार्टी के महा जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की। शाह राजबाड़ा से कृष्णपुरा छत्री होते हुए आगे बढ़े और कुछ दुकानों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना। यहां से वे दशहरा मैदान पर आयोजित संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने पहुंचे। शाह यहीं से झाबुआ के लिए रवाना होंगे। वे झाबुआ से जावरा, उज्जैन होते हुए इंदौर आएंगे। यहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।महा जनसंपर्क अभियान के तहत शाह ने राजबाड़ा, आड़ा बाजार में कुछ व्यापारियों से बात की। व्यापारियों ने जीएसटी, ई-वे बिल और इससे पहले नोटबंदी से हुई परेशानी को शाह को अवगत करवाया। व्यापारियों टैक्स की जटिलताओं को कम करने की मांग की। व्यापारियों ने कहा – जीएसटी के बाद भी कई तरह के टैक्स हैं। टैक्स की इन जटिलताओं में व्यापारी

अहिल्या चैंबर ऑफ काॅमर्स के महामंत्री सुशील सुरेका ने कहा चाहे बात इनकम टैक्स की हो या जीएसटी की, टैक्स से किसी भी नियम का पालन करना जटिल होता जा रहा है। प्रक्रिया परेशानी पैदा कर रही है। इसके चलते व्यापारी भी व्यापार पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। केवल नियम का ही पालन करने में लगा है। अधिकारियों को अधिकार ज्यादा मिल गए हैं। इसे सरल करना चाहिए।

इंदौर क्लाॅथ मार्केट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज जैन ने कहा जीएसटी में कपड़ा बाजार को लेकर बहुत परेशानी है। इसमें रिवर्स मैकेनिज्म का हिसाब नहीं लेना चाहिए। इसका हिसाब देने में परेशानी आती है। यह नहीं होना चाहिए। नियमों और कागजी कार्रवाई का सरलीकरण हो।

इंदौर अनाज-तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज काला ने कहा मंडियों को मंडी अधिनियम से मुक्त रखें। खुला व्यापार करने की छूट दें। व्यापार करने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लगाया जाए। अभी जीएसटी के अलावा दूसरे टैक्स भी लगाए जाते हैं। इसमें केवल एक टैक्स कर दिया जाए। इससे व्यापार करने में आसानी होगी।

जनता इन मार्गों का करे प्रयोग

  • वे लोग जो वीआईपी रोड और राजमोहल्ला से रीगल की ओर आना चाहते हैं, वे बड़ा गणपति और रानी लक्ष्मीबाई तिराहे से महेश गार्ड लाइन और मरीमाता होकर या फिर सुभाष मार्ग से नगर निगम होकर आ-जा सकेंगे।
  • महू नाका और कलेक्टोरेट परिसर से रीगल की ओर आने वाले पलसीकर कॉलोनी चौराहा से माणिकबाग ब्रिज होकर सपना-संगीता और भंवरकुआं व बीआरटीएस से आ-जा सकेंगे।
  • रीगल से आने वाले वाहन चालक शास्त्री ब्रिज से एमटीएच कंपाउंड फिर खातीपुरा, वहां से संजय सेतु से नगर निगम होकर सुभाष मार्ग के जरिए एरोड्रम रोड की ओर आ-जा सकेंगे।

संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए दशहरा मैदान पर वाटर प्रूफ डोम बनाया गया। डोम में नौ संभागों के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए हैं। मंच पर भारत माता और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर रखी गई हैं। भव्य कमल का फूल भी बनाया गया है। कार्यकर्ताओं के लिए नौ हजार कुर्सियां लगाई गई हैं।

महा जनसंपर्क अभियान के लिए विधायक उषा ठाकुर ने आवेदन किया था, जिस पर प्रशासन ने किसी भी अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार मानते हुए 15 शर्तों के अधीन मंजूरी दी। इस दौरान शर्त लगाई गई है कि किसी भी तरह से ट्रैफिक बाधित नहीं होगा और हाई कोर्ट व कलेक्टर गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। ऐसे नारों और शब्दों का उपयोग नहीं होगा, जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो। रैली में सीमित तौर पर वाहन रहेंगे, इस दौरान हथियार लेकर नहीं चलेंगे। यह रैली लक्ष्मीमाता मंदिर से कृष्णपुरा छत्री, यशवंत निवास रोड, हरसिद्धि से होते हुए मोती तबेला तक जाएगी।

सोना-चांदी, जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन, सराफा के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने कहा सरकार जो कठाेर नीतियां बना रही है, उसका सरलीकरण होना चाहिए। पेपर वर्क कम हो। व्यापारी तो पूरी तरह उलझ गया है। सरकार की ऐसी मंशा है कि दो नंबर का सारा पैसा सोना खरीदने में खपता है, लेकिन ऐसा नहीं है। नोटबंदी के बाद से व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। इससे व्यापारी नाराज भी हैं। ऐसी नीतियों से सरकार अपना ही वोट बैंक कम कर रही है।

 

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