बरखेड़ा से बुदनी के बीच बनने वाली तीसरी रेल लाइन देश की पहली वन्य जीव संरक्षित लाइन होगी। लाइन के निर्माण के दौरान नीदरलैंड की तर्ज पर एनिमल फ्रेंडली ओवर और अंडर ब्रिज बनाए जाएंगे। वन्यप्राणी रेलवे ट्रैक पार किए बिना एक से दूसरी तरफ आ-जा सकेंगे। रेलवे ट्रैक को बनाने की मंजूरी नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने दी है।
बोर्ड ने ट्रैक के निर्माण के दौरान रेलवे को बाघ और तेंदुआ समेत वन्यजीवों की सुरक्षा करने की शर्त रखी थी। ट्रैक 992 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 60 किमी में 60 करोड़ रुपए से साइंटिफिक फैंसिंग की जाएगी। फैंसिंग ईको फ्रेंडली होगी। इसमें सीमेंट के ऊपर घास और पौधे लगेंगे। तीसरी लाइन के लिए बनाई जाने वाली दो किमी लंबी टनल के अंदर वन्यप्राणी प्रवेश न कर सकें, इसके लिए स्वचलित सायरन और हूटर लगाए जाएंगे। ट्रैक को अधिक चौड़ा किया जाएगा। इससे वन्य प्राणी आस पास जा सके।
– नीदरलैंड के हाईवे A-50 पर वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए एनिमल फ्रेंडली ब्रिज बनाए गए हैं। इसी तर्ज पर रेलवे लाइन भी है। वन्यजीव बिना हादसे का शिकार हुए सड़क और रेलवे लाइन पार कर सकते हैं।
– वन्यप्राणियों के लिए ट्रैक पार करने 20 अंडरपास, 4 ओवर पास, 9 स्थानों पर चैन लिंक फैंसिंग और 20 कटिंग क्षेत्रों में चैन लिंक फैंसिंग होगी।
– जंगल में वन्यप्राणियों को पानी उपलब्ध कराने ट्रैक की खुदाई से निकलने वाली मिट्टी से गडरिया नाले पर जगह जगह छोटे डैम बनाने का काम भी रेल विकास निगम करेगा। इससे रेल लाइन के आसपास पानी की उपलब्धता होगी।
देश में पहली बार साइंटिफिक फैंसिंग और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित ब्रिज के साथ रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। इसमें नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के वैभव माथुर दिल्ली और राजाराम सैनी के साथ ही विश्व में हुए काम का प्रजेंटेशन पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन के सामने पेश किया। तब ही अनुमति मिली।