(ऊना)। चिंतपूर्णी में लगने वाले लंगरों पर जिला प्रशासन सख्ती बरतेगा। उपायुक्त राकेश प्रजापति ने नवरात्रों के दौरान लंगर लगाने वाली धार्मिक संस्थाओं पर शिकंजा कसने के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अगर कोई लंगर संस्था प्रशासन के नियमों की अवहेलना करती हुई पाई गई तो लंगर तुरंत बंद करवा दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन की संयुक्त कमेटी भी बनाई गई है।
कमेटी तय करेगी कि जिस स्थान पर लंगर लग रहा है वह लंगर लगाने के लिए उचित जगह है या नहीं। गौरतलब है कि भरवाईं बस हादसे के बाद जिला प्रशासन लंगर वालों को लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है। आश्विन नवरात्रों को लेकर हाल ही में हुई मेला मीटिंग में प्रशासन ने यह निर्णय लिया था कि जो भी धार्मिक संस्था लंगर लगाएंगी पहले उस स्थान पर जहां पर लंगर लगेगा चिंतपूर्णी थाना प्रभारी, चिंतपूर्णी मंदिर अधिकारी व नायब तहसीलदार भरवाईं की संयुक्त टीम लंगर वाले स्थान का निरीक्षण करेगी।
लंगर वाली जगह पर अंदर बैठकर लंगर खिलाने की व्यवस्था है या नहीं, पानी की निकासी है या नहीं, जहां पर लंगर लगाया जा रहा है वहां सड़क तंग तो नहीं, पार्किंग की व्यवस्था आदि को ध्यान में रखने के बाद कमेटी द्वारा लंगर संस्था को परमिशन दी जाएगी। पुलिस लंगर संस्थाओं की रूटीन में चेकिंग भी करेगी। अगर कोई लंगर संस्था नवरात्रों के दौरान नियमों का पालन करती हुई नहीं पाई गई तो उस लंगर को तुरंत बंद करवा दिया जाएगा। यही नहीं इस बार नवरात्रों में लंगर में बंटने वाली खाद्य सामग्री की जांच के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से फूड इंस्पेक्टर भी तैनात रहेंगे।
गौरतलब हो कि अमर उजाला ने भरवाईं बस हादसे के बाद लगातार लंगर संस्थाओं के प्रति प्रशासन द्वारा कोताही बरतने को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। इसको लेकर अब मंदिर ट्रस्ट लंगर वालों के खिलाफ सख्ती बरतने जा रहा है। इस बारे में एसडीएम अंब सुनील वर्मा ने कहा कि नवरात्रों में लंगर लगाने वाले अगर ट्रस्ट के नियमों का पालन करेंगे तभी लंगर लगाने की अनुमति होगी। लंगर की परमिशन से पहले लंगर वाले स्थान का निरीक्षण किया जाएगा।