नगर निगम धर्मशाला में डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के समर्थन से भाजपा पार्षद ओंकार नैहरिया की जीत के बाद दो मंत्रियों की लड़ाई खुलकर सामने आई है। किशन कपूर और सरवीण चौधरी की लड़ाई का पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने पूरा फायदा उठाया। पूर्व मंत्री ने कांग्रेस के समर्थन से ओंकार नैहरिया को डिप्टी मेयर बनवाकर भाजपा में ही कपूर के खिलाफ एक विरोधी तैयार कर दिया।
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो कपूर के खिलाफ सुधीर की इस सियासी कूटनीति में भाजपा के एक मंत्री ने पूरा साथ दिया है। अमर उजाला से विशेष बातचीत के दौरान खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने भाजपा समर्थित पार्षद ओंकार नैहरिया की जीत पर खुशी जताने के बजाय नैहरिया को कांग्रेस समर्थित बता दिया। कपूर ने कहा कि नैहरिया भाजपा के सदस्य ही नहीं है। विस चुनाव के बाद वह भाजपा से बाहर हैं।
उधर, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि ओंकार नैहरिया भाजपा के पार्षद हैं। उन्हें तो रविवार को ही पता लग गया था कि डिप्टी मेयर ओंकार नैहरिया ही बनेंगे। किसी का भी समर्थन लिया हो लेकिन डिप्टी मेयर तो बीजेपी का ही बना है। वहीं, जीत के बाद ओंकार नैहरिया को बधाई देने भी सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ता ही पहुंचे। भाजपा ने बधाई देने से कन्नी काट ली। जीत के बाद नैहरिया भी कांग्रेस के रंग में रंगे नजर आए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि ओंकार नैहरिया भाजपा के पार्षद हैं। वर्तमान में उन्हें पार्टी से बाहर किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
कांग्रेस के समर्थन से भाजपा के ओंकार नैहरिया के डिप्टी मेयर बनने की बात सरवीण चौधरी को एक दिन पहले कैसे पता लगी, राजनीतिक पंडितों के गले यह बात नहीं उतर रही है। सवाल इसलिए बड़ा है क्योंकि एक दिन पहले ही नैहरिया सुधीर शर्मा की डिनर डिप्लोमेसी का हिस्सा बने थे। यानी, भाजपा पार्षद को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस की कूटनीति की बिसात की जानकारी मंत्री को होना हैरत में डालने वाला है। उधर, अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि विस चुनाव में कपूर का साथ देने वाले नैहरिया अब सुधीर खेमे में जाकर क्या सियासी समीकरण बनाते हैं।