11 अक्टूबर गुरुवार को तीसरा नवरात्र मनाया जाएगा. देवगुरु ग्रह भी 11 अक्टूबर शाम को तुला से मित्र राशि वृष्च्छिक में जा रहे है. नवरात्रि के दूसरे दिन शुभ संयोग बन रहा है.
तीसरे दिन मां दुर्गा के शेरावाली माता या चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. यह मां दुर्गा का लोकप्रिय अवतार है जिसकी पूजा वैष्णो देवी में की जाती है. शारदीय नवरात्रों में माँ दुर्गा महा मंगला बनकर आ गई हैं.
गुरुवार को चंद्रघंटा देवी की पूजा होगी तो गुरु के कष्टों से भी आराम मिलेगा. धन की कमी दूर होगी. संतान और पति सुखी होंगे और चंद्रमा कुंडली में बलवान होता है. मन में शान्ति आएगी. चन्द्रमा स्वाति नक्षत्र और तुला राशि में है. तुला राशि से गुरु भी मित्र राशि वृश्चिक में जा रहे हैं. चंद्र और गुरु दोनों मिलकर सुबह राज योग बना रहे हैं. मां दुर्गा इस राज योग में नौकरी ,व्यापार और अच्छी धन की वर्षा का वरदान देंगी. माता को सफ़ेद फूल ,चंदन सफ़ेद चुन्नी चढ़ाकर और बर्फी का भोग लगाएं.
चंद्रघंटा देवी यानी दुर्गा जी को विशेष भोग लगाएं-
चावल और मेवे की खीर चंद्रघंटा देवी को भोग लगाकर बाँट दे
रात को मंत्र जाप करें
ॐ चंद्रघंटा देव्यै नमः
चंद्रघंटा देवी की पूजा से लड़ाई झगड़े का नाश होगा
घर में सास-बहु का क्लेश ना हो
बाप बेटे का क्लेश ना हो
पति पत्नी का झगड़ा ना हो
बच्चों की आपस में लड़ाई ना
सुख शांति बनी रहे हमेशा
सबसे पहले घी से दीप -ज्योत जलाएं
कलश में गंगा जल मिला लें
कलश में दूर्वा, सुपारी, सिक्का केसर चावल बेलपत्र डालें
एक बार पूरा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
नौकरी व्यापार पर बार बार संकट ना आये
अकूत धन की वर्षा होगी
क्या करें
तीसरे दिन करें माँ चंद्रघंटा देवी की पूजा करें
मां को पीले फूल से पुष्पांजलि दें
मां को मौली रोली चढ़ाएं
दूध, दही, शहद, गुड़ घी का पंचामृत चढ़ाएं
लाल अनार और गुलाब जामुन का भोग लगाएं
जल चढ़ाएं, मीठा पान चढ़ाएं
21 रूपये की दक्षिणा चढ़ाएं
कपूर या घी के दीपक से नौ बार घुमाकर आरती करें
रात को मन्त्र जाप करें –ॐ चन्द्रघण्टा देवैयी नमः