राम बाजार जाते वक्त देखता है की,
रास्ते में भारी भीड़ लगी हुई है.
पूछने पर पता चला की कोई दुर्घटना का शिकार हो गया है,
राम जब भीड़ को धकेलते हुए देखता है की.
कौन दुर्घटना का शिकार हुआ है,
तो भीड़ उसे आगे होने नहीं देती है.
तब वह भीड़ से यह कहकर आगे निकल जाता हैं,
कि दुर्घटना के शिकार मेरे पिता हैं.
जब वह आगे जाने में सफल हो जाता हैं,
तब सभी उसके मुंह की तरफ देख कर हंसते हैं,
दुर्घटना का शिकार एक आवारा गधा था