इस मामले में एनआईए लगातार जांच कर रही है. जांच दल स्थानीय लोगों और मस्जिद के कर्मचारियों से पूछताछ कर रहा है.
आपको बता दें कि मस्जिद का नाम ‘खिलाफत-ए-राशीदीन’ है जो पलवल जिले के उटावड़ गांव में बनी है. दिल्ली में आतंकी फंडिंग केस के आरोप में इस मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इमाम की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने मस्जिद की तलाशी भी ली थी.
वहीं, यह मस्जिद जहां बनी है, वह जगह विवादित है. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें मस्जिद के इमाम की आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध होने की जानकारी नहीं थी. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने मस्जिद बनाने के लिए मिले राशि के विवरण व अन्य दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है और उसके बहीखाते की जांच कर रही है.
एनआईए ने आतंकी फंडिंग के आरोप में सलमान, मोहम्मद सलीम और साजिद अब्दुल वाणी को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया था. तीनों पर आरोप था कि इन्होंने लाहौर स्थित फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) फाउंडेशन से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे लिए हैं.
मस्जिद के निर्माण में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पैसा लगा होने का मामला सामने आते ही सियासत भी शुरू हो गई. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. हुड्डा ने कहा कि टेरर फंडिंग केंद्र सरकार की नाकामी है. इस तरह की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए.