पुराने भोपाल में मंगलवार शाम जब सीआरपीएफ की महिला कंपनी और पुलिस की टीम एक साथ निकली तो लोगों की भीड़ जमा हो गई। यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश में सीआरपीएफ की महिला कंपनी चुनाव में सुरक्षा की कमान संभालेगी। मकसद है।
महिला वोटरों को प्रेरित करना और उन्हें एक सुरक्षित माहौल का विश्वास दिलाने का। मप्र में भोपाल के अलावा इंदौर और उज्जैन में भी एक-एक कंपनी दी गई है। देश भर में सफलता पूर्वक चुनाव कराने के बाद महिला कंपनी पहली बार मध्यप्रदेश में अपनी निगरानी में चुनाव संपन्न कराएगी।
प्रदेश भर में चुनाव के लिए करीब 600 कंपनियां लगाई जा रही हैं। जिला पुलिस के अलावा इनमें से करीब 20 कंपनियों भोपाल में चुनाव के दौरान ड्यूटी पर रहेंगी। सोमवार को सबसे पहले महिलाओं की तीन कंपनी पहुंची। दो कंपनी उज्जैन और इंदौर के लिए रवाना कर दिया, जबकि एक कंपनी भोपाल में रही।
80 सदस्यीय दल में 10 जवान भी शामिल हैं। मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में कंपनी को जिला भोपाल की तरफ से चुनाव से संबंधित जानकारियां और उनकी ड्यूटी के बारे में बताया गया। इसके लिए चुनाव के लिए विशेषतौर पर बनाए गए पुलिस कंट्रोल रूम में मीटिंग आयोजित की गई थी। इसमें सीआरपीएफ के कंपनी कमांडर भी शामिल हुए। इसके बाद मंगलवार शाम टीम ने जिला पुलिस के साथ संवदेनशील इलाकों से फ्लैग मार्च निकाला। कंपनी इससे पहले कर्नाटक चुनाव करा चुकी है।
दंगों के दौरान लगाया जाता रहा हैं इन्हें : इससे पहले मप्र में दंगों और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सीआरपीएफ की महिला कंपनी को लगाया जाता रहा है। इससे लोगों के विश्वास और तनाव को कम करने में अच्छे परिणाम सामने आने के बाद चुनाव में भी इनकी ड्यूटी लगाने की पहल की गई।
महिलाओं की ड्यूटी का मकसद :
चुनाव के दौरान सुरक्षा में महिलाओं की ड्यूटी होने से जहां महिला कर्मचारियों को बल मिलेगा, वहीं महिला वोटरों को भी प्रोत्साहित किए जाने में मदद मिलेगी। इससे अधिक से अधिक लोग वोट करने के लिए सामने आएंगे।
महिलाओं में सुरक्षा का भाव और उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित करने के इरादे से प्रदेश में पहली बार चुनाव के दौरान सीआरपीएफ की महिला कंपनी लगाई गई है। इससे बूथ में आने वाली महिला वोटरों और वहां ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारियों के मन में सुरक्षा का भाव आएगा। -जयदीप प्रसाद, आईजी भोपाल