- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो बार से विदिशा लोकसभा सीट से सांसद हैं
- सीएम शिवराज सिंह 5 बार विदिशा से सांसद रह चुके हैं
- विदिशा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी लोकसभा क्षेत्र रहा है
- 29 सालों से लगातार विदिशा लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है
- फिलहाल विदिशा की 5 विधानसभा सीटों में से 3 बीजेपी के पास हैं
वहीं स्थानीय लोगों से जब यहां के हालात के बारे में बात की जाती है तो उनकी ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोग जहां एक बार फिर से सीएम के रूप में शिवराज सिंह को देखना चाहते हैं, तो वहीं कुछ का कहना है कि लंबे वक्त तक बीजेपी के सहारे रहने के बाद भी वादों के सिवा कुछ भी नहीं मिला. वहीं राजनीतिक जानकार कहते हैं कि सीएम से जुड़ाव की वजह से विदिशा बीजेपी का गढ़ है लेकिन इस बार उसकी राह इतनी आसान भी नहीं क्योंकि विदिशा में अधूरे विकास कार्य और सरकार के अधूरे वादों की वजह से लोगों में बीजेपी को लेकर नाराजगी बढ़ी है.आम लोग कुछ भी कहें लेकिन विदिशा में दोनों पार्टियों के नेता ये दम भरने से नहीं चूकते कि जिले की पांचों सींटों पर उनका कब्जा होगा. जीत किसके हाथ लगेगी और किसे कांटों का ताज पहनना पड़ेगा इसका फैसला तो जिले की जनता को ही करना है, लेकिन लोगों की अपेक्षाओं को देखते हुए ये तो तय है कि जनता वोट डालते वक्त भावनाओं को नहीं मुद्दों को ध्यान रखेगी.