बिहार में दशहरा के मौके पर जारी राजनीतिक पोस्टर वार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान बनाए गए 35 हवाई अड्डों के नाम बताने तथा राफेल का दाम बताने वाले को पांच करोड़ रुपये का इनाम दिये जाने से संबंधित पोस्टर के बाद राजद द्वारा बुधवार को लगाए गए एक पोस्टर में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को ‘राम’ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दस सिर वाले ‘रावण’ के रूप में दिखाया गया. इस पोस्टर पर बढ़ता विवाद देख राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पोस्टर से किनारा कर लिया है.
दरअसल, पटना शहर के वीरचंद पटेल पथ स्थित राजद के प्रदेश मुख्यालय और 5 देशरत्न मार्ग स्थित तेजस्वी के सरकारी आवास के पास राजद के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष आनन्द भगत द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में तेजस्वी को ‘राम’ और नीतीश को ‘रावण’ के रूप में दिखाया गया है. हालांकि, इस पोस्टर जदयू की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखी गई और इसे मुख्यमंत्री का अपमान बताया. इसके बाद गुरुवार को तेजस्वी यादव ने इस पोस्टर से अपने समर्थन से साफ इनकार कर दिया.
तेजस्वी यादव ने एनडीटीवी की खबर को शेयर किया और लिखा- ‘मैं ऐसी तस्वीरों का समर्थन नहीं करता लेकिन साथ-साथ नीतीश जी को भी यह सोचना होगा कि आज लोगों को उनपर इतना ग़ुस्सा क्यूं है? क्या कारण है? उन्हें अंतरात्मा से जवाब मांग आत्ममंथन करना होगा कि उन्होंने जनता के साथ क्या-2 वादाखिलाफ़ियां की हैं. उन्हें जनता के ग़ुस्से पर चिंतन करना चाहिए.’
इससे पहले जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आरोप लगाया कि बिहार में राजद शासन काल कानून के शासन के अभाव के रूप में जाना जाता है. राज्य के मुख्यमंत्री के प्रति उनका अपमान उनके अपने चरित्र को एकबार फिर प्रतिबिंबित करता है. राजद के साथ महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने राजद द्वारा लगाए गए पोस्टर में नीतीश को ‘रावण’ के रूप में दिखाये जाने से अपनी पार्टी को अलग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को रावण के रूप में दिखाए जाना अनुचित है.