Home राष्ट्रीय सबरीमाला में नहीं बन सका इतिहास, भारी विरोध के बाद मंदिर के...

सबरीमाला में नहीं बन सका इतिहास, भारी विरोध के बाद मंदिर के रास्ते से वापस लौटीं दोनों महिलाएं….

7
0
SHARE

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक 10 से 50 साल की महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने का मौका नहीं मिला है. कई महिलाएं सबरीमाला पहाड़ी  की चढ़ाई कने का प्रयास भी किया तो प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने पर मजबूर कर दिया. गुरुवार को सबरीमाला  की पहाडि़यों पर चढ़ रही दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते से ही लौटने के लिए मजबूर कर दिया. दरअसल, ये श्रद्धालु मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं. अपने एक विदेशी पुरूष सहकर्मी के साथ मंदिर जा रही महिला पत्रकार को अयप्पा श्रद्धालुओं के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के चलते मारक्कोट्टम से ही उतरना पड़ गया था. हालांकि, शुक्रवार की सुबह में ही हैदराबाद की महिला पत्रकार ने चढ़ाई शुरू कर दी और प्रशासन ने इस महिला पत्रकार को सुरक्षा भी मुहैया कराई है. हालांकि, शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी की उम्र वाली लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किया.

केरल में सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि हमने फैसला किया है कि मंदिर को बंद कर दें और चाबी किसी को सौंप कर चले जाएं. मैं श्रद्धालुओं के साथ हूं. मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.भगवान अयप्पा को दर्शन करने गई दोनों महिलाएं सबरीमाला मंदिर के बाहर से वापस लौटीं. महिला पत्रकार सहित एक और महिला ने भारी विरोध को देखते हुए वापस लौटने का फैसला किया है. बता दें कि पुलिस की भारी सुरक्षा में ये दोनों महिलाएं भगवान अयप्पा के दर्शन को जा रही थीं. मगर भारी विरोध की वजह से उन्होंने वापस लौटने का निर्णय लिया.

केरल के आईजी ने कहा कि हमने महिला श्रद्धालुओं को परिस्थिति से अवगत कराया. अब वे वापस लौट रही हैं. बता दें कि पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा सबरीमाला मंदिर से अब वापस लौट रही हैं. प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं का रास्ता रोका. प्रदर्शनकारियों के साथ पुजारी भी अब प्रदर्शन कर रहे हैं.  वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रही है.

एहतियातन पुलिस ने महिला पत्रकार को हेलमेट पहनाया है. ताकि मंदिर की ओर जाते वक्त प्रदर्शन में कोई अप्रिय घटना न हो. सबरीमाला मंदिर के करीब 25 जूनियर पुजारी भगवान अयप्पा के पवित्र स्थल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. सबरीमाला मंदिर खुलने के बाद से अब तक एक भी 10 से 50 साल की महिला भगवान अयप्पा का दर्शन नहीं कर पाई हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत दे दी थी.
देवासम बोर्ड के मंत्री कदमकपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा देना अहम है. मगर मैं समझता हूं कि ये कार्यकर्ता हैं जो मंदिर में जाने की कोशिश कर रही हैं. सरकार तय भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि यह कार्यकर्ता हैं या आम लोग. उन्होंने कहा कि खुद को साबित करने के लिए सरकार कार्यकर्ताओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं देगी. भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए जा रहीं दोनों महिलाएं मंदिर से कुछ कदम की दूरी पर हैं. प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक दिया है.

आईजी एस श्रीजीत ने श्रद्धालुओँ से कहा कि सबरीमाला में पुलिस कोई विवाद क्रिएट नहीं चाहते. हम श्रद्धालुओं से टकराव नहीं करना चाहते. हम सिर्फ कानून का पालन कर रहे हैं. मैं उच्च अधिकारियों से इस पर चर्चा करूंगा और परिस्थिति से अवगत कराऊंगा.पुलिस के आईजी का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वह लागू करके रहेंगे.

दोनों महिलाएं सुरक्षा घेरे में आगे बढ़ रही हैं और मंदिर से महज कुछ दूरी तक पहुंच गई हैं. सबरीमाला मंदिर  से 10 मिनट की दूरी पर पहुंच गई हैं दोनों महिलाएं, प्रदर्शनकारियों का कर रही हैं सामना भारी सुरक्षा के बीच हैदराबाद की महिला पत्रकार सबरीमाला पहाड़ी की चढ़ाई चढ़ रही है. प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध के बीच 10 से 50 साल की उम्र की दो महिलाएं सबरीमला मंदिर की ओर बढ़ रही हैं. दोनों महिलाएं अलग-अलग भारी पुलिस सुरक्षा के बीच आगे बढ़ रही हैं. इनमें से एक महिला हैदराबाद की पत्रकार हैं और एक महिला श्रद्धालु. इससे पहले कल न्यूयॉर्क टाइम्स की एक पत्रकार को मंदिर में घुसने से रोक दिया गया था.
हैदराबाद की एक महिला पत्रकार ने शुक्रवार को सबरीमला पहाड़ी की चढ़ाई शुरू कर दी. विदेशी मीडिया संगठन के लिए काम करने वाली दिल्ली की पत्रकार के मंदिर में दर्शन करने में विफल रहने के एक दिन बाद एक अन्य महिला ने चढ़ाई शुरू की है.
पुलिस ने महिला को सुरक्षा मुहैया कराई है. महिला ने अपने पेशेवर काम के सिलसिले में सबरीमला सन्निधानम जाने के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया था.
महिला की उम्र लगभग 25 वर्ष है और अगर वह सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर में जाने वाली माहवारी उम्र की पहली महिला होगी. उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर के अपने फैसले में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी.

इस बीच आज तीसरे दिन भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर गतिरोध बरकरार है… भारी तादाद में प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं, जो पुलिस की भारी तैनाती के बाद भी महिलाओं को रोक रहे हैं, डरा-धमका रहे हैं… चार बेस कैंप इलाक़ों में धारा 144 का भी कोई असर नहीं दिख रहा है…

गुरुवार को नई दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते में रोक दिया था. अपने विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ गई पत्रकार विरोध बढ़ने के मद्देनजर मराकोट्टम इलाके से वापस लौट गई थी. उन श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने महिला पत्रकार को कथित तौर पर चढ़ाई से रोका और उसे नीचे उतरने के लिए मजबूर किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में 10 से 50 साल की महिलाओं को अब तक प्रवेश नहीं मिला है. मंदिर जा रही कई महिलाओं को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. भारी विरोध को देखते हुए अब महिलाएं भी वापस घर लौट रही हैं. 4 जगहों पर धारा 144 के बावजूद पुलिस लाचार दिख रही है. इससे पहले सबरीमाला (सबरीमला) के मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने गुरुवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि पूजा अर्चना के लिए एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने पर इस मंदिर को तंत्री परिवार द्वारा बंद कर देने की योजना है. राजीवारू ने सोशल मीडिया पर इस बारे में कुछ खबरों व्यापक रूप से साझा किए जाने के बाद मंदिर परिसर, सन्निधानम में यह कहा. हालांकि, मुख्य पुजारी ने 10 से 50 आयुवर्ग की महिलाओं से सन्निधानम नहीं आने और समस्या नहीं पैदा करने की अपील की.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here