Home Una Special डिफाल्टर लिस्ट से नाम हटाने को सियासी जुगाड़…

डिफाल्टर लिस्ट से नाम हटाने को सियासी जुगाड़…

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ऊना। सरकारी स्कूलों की वार्षिक बोर्ड परीक्षा में खराब परिणाम के चलते डिफॉल्टर लिस्ट में आए गुरुजनों ने अपने बचाव में सियासी जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। खराब परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों ने विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए राजनेताओं का सहारा लेना शुरू कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से बोर्ड परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों के नाम मांगे गए थे। लिस्ट के आधार पर ही शिक्षा विभाग को इन शिक्षकों पर कार्रवाई की जानी थी। लेकिन कुछ शिक्षकों ने राजनेताओं का सहारा लेकर खुद को सुरक्षित कर लिया है। अपने नाम कार्रवाई लिस्ट में पहुंचने से पहले ही कटवा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शिक्षक मंत्रियों और विधायकों की सिफारिश से शिमला में कार्रवाई लिस्ट से अपने नाम कटवा रहे हैं। इसके चलते साधारण शिक्षक ही इस कार्रवाई में फंस रहे हैं। कार्रवाई के दौरान इन शिक्षकों की एक वर्ष की वेतन वृद्धि नहीं रुकेगी और अन्य कई सरकारी फायदों पर भी शिक्षा विभाग की ओर से रोक लगाई जाने का प्रावधान है।

सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग ने जिला ऊना से खराब परीक्षा परिणामों देने वाले छह प्राध्यापकों के नाम शिमला भेजे थे। मगर कार्रवाई लिस्ट में मात्र दो प्राध्यापकों के नाम ही हैं। अन्य चारों प्राध्यापकों के नाम लिस्ट में नहीं थे। हालांकि इन प्राध्यापकों का भी बोर्ड परीक्षा परिणाम खराब था।

शिक्षा विभाग ने उन्हीं शिक्षकों का इंक्रीमेंट रोका है जिनका बोर्ड का वार्षिक परीक्षा परिणाम 25 प्रतिशत से कम रहा है। इसके साथ-साथ जिन शिक्षकों का पिछले तीन वर्षों में बोर्ड का वार्षिक परीक्षा परिणाम 25 प्रतिशत से कम रहा है, उनका हमेशा के लिए इंक्रीमेंट रोका जाएगा। हालांकि वह शिक्षा विभाग में सेवाएं देता रहेगा। सूत्रों के अनुसार विभाग द्वारा भेजी गई सूची में छह प्राध्यापकों का परिणाम 25 प्रतिशत से कम है।

शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि कार्रवाई में भी कई नियम हैं। अगर शिक्षक छह माह से कम समय से विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहा है या विद्यार्थियों की संख्या छह से कम है तो उन पर 25 प्रतिशत बोर्ड परीक्षा परिणाम देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं है। अगर कोई कोताही होगी तो जांच की जाएगी।

उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक बीआर धीमान ने बताया कि स्कूलों की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद जिला में छह प्राध्यापकों के बोर्ड परीक्षा परिणाम खराब पाए गए थे। इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग ने शिमला भेज दी थी। हालांकि कार्रवाई रिपोर्ट में दो प्राध्यापकों के ही इंक्रीमेंट रोके गए हैं।

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