हर भारतीय नारी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं और इस दिन के लिए साल भर इंतज़ार भी करती हैं. वैसे तो चाँद हर दिन ही निकलता है लेकिन महिलाओं के लिए करवाचौथ का चाँद सबसे खास होता है, जिसमें नूर भी कुछ अलग ही देखने को मिलता है. इस बार करवाचौथ 27 अक्टूबर शनिवार को मनाने वाले हैं जिसके लिए महिलाएं तैयारी कर रही हैं और इसके लिए बाज़ार भी गुलज़ार हो गए हैं.
करवाचौथ का दिन महिलाओं के लिए बेहद ही उत्साह वाला और ख़ुशी का होता है. महिलाओं के इस त्यौहार को देखते हुए बाजार में उनके लिए कई तरह की चीज़ें आ गई हैं. ऐसे में महिलाएं मेहँदी खास तौर पर लगती हैं जो उनके प्यार की निशानी होती है. मेहँदी के कारीगर अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के उपाय निकालते हैं
ऐसे में जहां मेहँदी पहले के जमाने घर पर घोल कर लगाई जाती है उसी मेहँदी ने अब आधुनिक रूप ले लिया है और एकदम नए तरह की हो गई है. बात करें संगरूर शहर की तो पिछले दस साल से विवाहिताओं, महिलाओं, लड़कियों के हाथों को रंगीन बनाने वाले राहुल मेंहेंदी आर्ट्स के संचालक राहुल ने बताया कि करवा चौथ के दिन के लिए विवाहिताओं को मेहंदी लगाने का दौर शुरू हो गया है जिसके लिए नई और आकर्षक डिज़ाइन भी आ गई हैं.
इस बार बाजार में इंडो वेस्टन, अरेबियन, ब्राइडल मेहंदी, फेस पोर्टर मेहंदी का खास दौर है. उन्होंने बताया कि फेस पोर्टरेट संगरूर में पहली बार आया है. इसमें अपने साथी के चेहरे पर मेहँदी के तौर पर लगाया जाता है. इसे महिलाएं खासा पसंद कर रही हैं. मेहँदी के रूप में कावेरी व कोकिला मेहंदी को महिलाएं खासा पसंद करती हैं जो कुछ ही घंटे में अपना रंग दिखा देती है.
वहीं कुछ महिलाएं हाथ पैरों पर टैटू वाली मेहँदी लगवाने लगी हैं जो एक मॉडर्न तरीका हो चुका है. टैटू के रूप में बटरफ्लाई, ज्वैलरी, फ्लावर टैटू, मोर व मोर के पंख, देवी देवताओं की तस्वीरें बनाई जाती है, वहीं दुल्हन व नव विवाहिताएं मेहंदी में डोली, वरमाला, शहनाई, घोड़ी, सिंदूर डालने का सीन, फेरे का सीन को भी शामिल करती हैं, जिसे पूरी बाजू पर बनाया जाता है.