बिहार में लोकसभा की सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू गंभीर दिख रही है. इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार, चुनाव रणनीतिकार और जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह गुरुवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं. खबर है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बैठक हो सकती है. बता दें कि इससे पहले अपने पिछले दिल्ली दौरे पर आए नीतीश कुमार की मुलाकात अमित शाह से हुई थी. तब ये बात सामने आई थी कि सीट बंटवारे को लेकर सम्मानजनक फैसला हो चुका है.
उधर जेडीयू ने बीजेपी को सीट बंटवारे का 50-50 फॉर्मूला दिया है. इसके तहत पहले गठबंधन में सहयोगी पार्टी एलजेपी और आरएलएसपी को सीटें दे दी जाएं और बाकी बची सीटों को जेडीयू और बीजेपी में बराबर बराबर यानि 50-50 बांट दिया जाए. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक इस फॉर्मूले पर बीजेपी ने भी सहमति दे दी है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू के बीच लोकसभा सीटों की पहचान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं. सीटों की पहचान के लिए जातीय समीकरण को महत्व दिया गया है. इसके साथ ही बीजेपी अपनी पांच ऐसी लोकसभा सीटें जेडीयू के लिए छोड़ेगी जो उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं.
गठबंधन में अन्य दलों को कितनी सीटें दी जाएंगी इसको लेकर जेडीयू को कोई आपत्ति नहीं हैं. एलजेपी और आरएलएसपी के लिए सीटों का फैसला बीजेपी को करना है. इसके लिए पिछले विधानसभा चुनाव को आधार बनाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक 2019 में NDA के गठबंधन दलों को यानी एलजेपी और आरएलएसपी को उतनी सीटें नहीं मिल पाएंगी जितनी 2014 में उनके हिस्से आई थी. यानि एलजेपी और आरएलएसपी को कम सीटो पर संतोष करना होगा.