आज सुहागिनों का त्योहार करवा चौथ 2018 (Karwa Chauth 2018) का व्रत है. करवा चौथ के व्रत का इंतजार हर सुहागिन को रहता है. करवा चौथ पर महिलाएं अपने अखंड सुहाग के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ के व्रत को बेहद कठिन माना जाता है. इस दिन निर्जला व्रत रखकर महिलाएं अपने सौभाग्य की कामना करती हैं. सोलह श्रृंगार कर चंद्रमा की पूजा करती हैं और चांद को छलनी में देखने के बाद पति के दर्शन करती हैं.
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त-
पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 40 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय शाम 7 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 19 मिनट तक होगा. इसी समय पर पूरे देश में चांद के दर्शन होंगे.
करवा चौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि-
– सूर्योदय से पहले स्नान कर के व्रत रखने का संकल्प लें.
– इसके बाद मिठाई, फल, सेवई और पूरी आदि ग्रहण करके व्रत शुरू करें.
– फिर संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें.
– गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं.
– भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें.
– श्री कृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं.
– उनके सामने मोगरा या चंदन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं.
– मिट्टी के करवे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं.
– करवे में दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
– इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है.
– इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए.
– कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए.
– फिर पति के पैरों को छूते हुए उनका आशीर्वाद लें .
– पति को प्रसाद देकर भोजन कराएं और बाद में खुद भी भोजन करें.