श्योपुर. देश के नामी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर आधा दर्जन से अधिक अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को बैंगलुरू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन ठगों से पूछताछ के लिए प्रोटेक्शन वाॅरंट पर श्योपुर पुलिस लाएगी। इसके लिए टीम रवाना कर दी गई है। आरोपी ठगों ने श्योपुर की गुलमोहर कॉलोनी में रहने वाले महेश शर्मा से उनके बेटे अभिषेक शर्मा का एडमिशन कराने के नाम पर 13 लाख रुपए से अधिक की ठगी की थी। बाद में रिजल्ट आने से पहले ही सभी ठगों ने अपने-अपने मोबाइल नंबर बंद कर लिए थे।
श्योपुर शहर की गुलमोहर कॉलोनी निवासी महेश शर्मा ने अपने बेटे अभिषेक शर्मा को नीट एग्जाम दिलाया था। विगत 15 जुलाई को उनके पास उड़ीसा के कटक शहर से इलियास नामक व्यक्ति का 8074461297 माे.नंबर से कॉल आया। इलियास ने आश्वासन दिया कि अभिषेक का एडमिशन कटक में ही हो जाएगा। इसके लिए शर्मा को कटक बुलाया गया। शर्मा 21 जुलाई को कटक पहुंचे, तो इलियास ने सौम्यकांत मोहंती से मुलाकात कराई। सौम्यकांत ने आश्वासन दिया कि सेकंड काउंसलिंग में 2.10 लाख रुपए का खर्च आएगा। महेश शर्मा ने रुपए उन्हें सौंप दिए। इसके बाद सौम्यकांत ने शर्मा को फोन नंबर 993799929 से कॉल कर कर्नाटक में एडमिशन कराने का भरोसा दिलाया। उसने बैंगलुरु जाकर शुभाशीष से मिलने के लिए कहा।
शर्मा 9 अगस्त को बैंगलुरु पहुंचकर शुभाशीष से मिले। उसने शर्मा से 1.10 लाख रुपए डीडी बनवाने के नाम पर मांगे। शर्मा ने ये पैसे नकद दिए। इसके बाद अलॉटमेंट कार्ड दिखाने के लिए 10 लाख रुपए की मांग की गई। शर्मा ने दो लाख रुपए नकद देने के बाद 13 अगस्त को आठ लाख रुपए श्योपुर लौटकर कोलकाता स्थित सुभाशीष के आईसीआईसीआई बैंक के खाता नंबर 387401500348 में जमा कराए। इसके बाद 29 अगस्त को मोबाइल नंबर 7595861954 से कॉल आया कि अभिषेक का नंबर 30 अगस्त की रैंक के आधार पर आएगा। इसके बाद से इस गिरोह ने ये सभी मोबाइल नंबर बंद कर लिए थे। बैंगलुरु पुलिस ने इस गिरोह का संचालन करने वाले दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की शुरूआती पूछताछ के दौरान सामने आया कि ये गिरोह नीट में शामिल हुए आवेदकों की जानकारी जुटाता था। इसके बाद मेरिट में न आने वाले छात्रों को चिह्नित कर उनके अभिभावकों को उड़ीसा और कर्नाटक के मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीट ब्लॉक करने का भरोसा दिया जाता था।
अभिभावकों को बाकायदा उड़ीसा और कर्नाटक तक बुलाया भी जाता था। इस दौरान ही उनसे डेढ़ से ढाई लाख रुपए के डिमांड ड्राफ्ट से लेकर आरटीजीएस जैसी सुविधा के माध्यम से कोलकाता स्थित आईसीआईसीआई बैंक के खाता क्रमांक 387401500348 में जमा कराए जाते थे। इसके बाद उन्हें लैपटॉप पर बाकायदा सीट अलॉटमेंट का लैटर दिखाया जाता था और इसके बदले 10 से 15 लाख रुपए की डिमांड की जाती थी। इस गिरोह ने ऐसा कई अभिभावकों के साथ में किया है। पैसा मिलने के बाद ये गिरोह तुरंत ही किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन कराने की बात कहकर टाल देता था और बाद में मोबाइल बंद कर लेता था।