नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर राकेश झा को सीबीआई ने बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। हालांकि मामले में सीबीआई का कोई अधिकारी अभी जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हैं।
जबलपुर सीबीआई की छह सदस्यीय टीम ने यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर से देर रात तक पूछताछ करती रही। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के चलते फर्नीचर के लिए पांच लाख रुपए के बैंक लोन की किश्त और आरटीजीएस करने के नाम पर ब्रांच मैनेजर ने फरियादी अनिल विश्वकर्मा से 60 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस रकम की पहली किश्त के रूप में फरियादी 20 हजार रुपए देने के लिए बैंक जा रहा था।
आरोप है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के चलते फर्नीचर के लिए पांच लाख रुपए के बैंक लोन की किश्त और आरटीजीएस करने के नाम पर ब्रांच मैनेजर ने फरियादी अनिल विश्वकर्मा से 60 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। अनिल ने इस मामले की शिकायत सीबीआई की जबलपुर शाखा में की। जिसके बाद एसपी प्रशांत पांडे के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई।
अनिल की शिकायत पर एसपी प्रशांत पांडे ने राकेश झा को रंगे हाथों दबोचने की योजना बनाई। टीम को गाडरवारा रवाना किया गया और योजना बनाकर अनिल को पैसे लेकर भेजा। इस दौरान सिविल में सीबीआई की टीम भी वहां मौजूद रही। जैसे ही झा ने अनिल के हाथों से पैसे लिए, वैसे ही सीबीआई की टीम ने बैंक मैनेजर झा को रंगे हाथों दबोच लिया। देर रात तक सीबीआई की टीम बैंक में डेरा डाले हुए थी और शाखा का मुख्य शटर बंद कर अंदर कार्रवाई की जा रही थी। पांच अक्टूबर से प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद से रिश्वतखोरों के पकड़े जाने की यह तीसरी घटना है। बीते 20 दिन में नरसिंहपुर जनपद की सीईओ श्वेता विसेन 10 हजार रुपए की रिश्वत और गोटेगांव एसडीएम रहे रमेश बंशकार 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हत्थे चढ़े हैं।