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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण कर बोले PM मोदी सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था…

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सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का आज यानी 31 अक्टूबर को उनकी जयंती पर उद्घाटन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) का अनावरण किया. अपनी ऊंचाई के कारण यह प्रतिमा अब दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई है. दुनिया में अब दूसरे स्थान पर चीन में स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 153 मीटर है. गुजरात सरकार का मानना है

कि इस विशालकाय मूर्ति को देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों के पर्यटक भी आएंगे. इस नाते सरकार की ओर से पर्यटकों के ठहरने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. सरकार आमदनी के लिए टिकट भी लगाएगी. यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मूर्ति बनाने वाली कंपनी एलएंडटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रमण्यन ने कहा, “स्टैच्यू आफ यूनिटी जहां राष्ट्रीय गौरव और एकता की प्रतीक है वहीं यह भारत के इंजीनियरिंग कौशल तथा परियोजना प्रबंधन क्षमताओं का सम्मान भी है.

पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र से सामान्य जन को जोड़ने के लिए वो हमेशा समर्पित रहे. महिलाओं को भारत की राजनीति में सक्रिय योगदान का अधिकार देने के पीछे भी सरदार पटेल का बहुत बड़ा रोल रहा है पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब का संकल्प न होता, तो सिविल सेवा जैसा प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने में हमें बहुत मुश्किल होती.

उन्होंने कहा कि कच्छ से कोहिमा तक, करगिल से कन्याकुमारी तक आज अगर बेरोकटोक हम जा पा रहे हैं तो ये सरदार साहब की वजह से, उनके संकल्प से ही संभव हो पाया है. सरदार साहब ने संकल्प न लिया होता, तो आज गीर के शेर को देखने के लिए, सोमनाथ में पूजा करने के लिए और हैदराबाद चार मीनार को देखने के लिए हमें वीज़ा लेना पड़ता. सरदार साहब का संकल्प न होता, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी ट्रेन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. पीएम मोदी ने कहा कि जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया. उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है.

पीएम ने कहा कि सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया. देखते ही देखते, भारत एक हो गया. सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़ों ने त्याग की मिसाल कायम की थी. हमें इस त्याग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी. अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और न ही दोबारा किसी का गुलाम होना है”

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी.स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण कर बोले पीएम मोदी- कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य के समावेश थे सरदार पटेल. उन्होंने कहा कि जब सबको लगता था कि देश ऐसे ही बिखरा रहेगा, ऐसे निराशा के दौर में सरदार पटेल ही आशा की किरण थे पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साबह की इस विशाल प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है. जब मैंने गुजरात के सीएम के तौर पर इसकी कल्पना की थी तो एहसास नहीं था कि एक दिन प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे इसके अनावरण का सौभाग्य मिलेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि आज का यह दिन भारत के इतिहास के ऐसे ही कुछ क्षणों में से एक अहम पल है. आज भारत के वर्तमान में अपने इतिसाह के एक स्वर्णिम पूत्र को उजागर करने का काम किया है. आज धरती से लेकर आसामन तक सरदार का अभिषेक हो रहा है पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का एहसास कराते हैं. आज यह वह पल होता है जो किसी राष्ट्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है और उसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है. पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है. आज के इस अवसर पर देश के कोने-कोने में रन फॉर यूनिटी में लोग हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपकी यही भारत भक्ति की भावना है जिसके बल पर हजारों वर्ष से चली आ रही हमारी सभ्यता फल रही है फूल रही है.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य का स्वागत किया और कहा कि देश की एकता जिंदाबाद.दुनियी की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की पीएम नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया. इस तरह से सरदार पटेल की जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित किया.गुजरात : सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल और मध्य प्रदेश की गवर्नर आनंदी पटेल मंच पर मौजूद हैं.

 राष्ट्रपति कोविंद ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह साढ़े छह बजे संसद मार्ग स्थित पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर राजनाथ सिंह तथा केन्द्रीय शहरी कार्य एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे.सरदार पटेल की 31 अक्टूबर को जयंती के मौके स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित किया जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ही अहमदाबाद पहुंच गए.
गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा और मुख्य सचिव जे एन सिंह ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी रात्रि विश्राम के लिए गांधीनगर स्थित राजभवन रवाना हुए. वह प्रतिमा का अनावरण करने के लिए बुधवार सुबह नर्मदा जिले के सरदार सरोवर बांध के पास केवडिया कॉलोनी जाएंगे. पीएम मोदी ने यहां पहुंचने से कुछ घंटे पहले ट्वीट किया, ‘सरदार पटेल की जयन्ती के मौके पर, ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की जाएगी. नर्मदा के तट पर स्थित यह प्रतिमा महान सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.

इस मूर्ति का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है. देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं.  वह इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.

चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था. मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है. 182 मीटर ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुना है. मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है. जबकि  स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में 11 साल का वक्त लगा. कंपनी के मुताबिक यह प्रतिमा न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है.

सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया. कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के  आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है. यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कंपनी ने कहा कि रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया.

इस स्मारक की आधारशिला  31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसके लिये बीजेपी ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया. सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये. वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे. 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये.

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