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दिग्विजय और सिंधिया के बीच विवाद सुलझा, दोनों नेता पहुंचे सीईसी की बैठक..

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए उम्मीदवारों का चयन बड़ी सिरदर्दी बनती जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में ही उलझ गए थे. हालांकि, दो दिन के बाद पार्टी के सीनियर नेताओं के हस्ताक्षेप से दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझा लेने का दावा किया जा रहा है.  दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के विवाद सुलझाने के लिए पार्टी ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी. इसमें अहमद पटेल, अशोक गहलोत और वीरप्पा मोइली शामिल थे. इन तीनों नेताओं ने दोनों नेताओं से बातचीत करके विवाद को सुलझा गया है.

इसी का नतीजा है कि दोनों नेता मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों के चयन को लेकर हो रही है केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहुंचे हैं. हालांकि गुरुवार को दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. मध्य प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए हम सब एकजुट हैं. बता दें कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार रात हुई बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तीखी कहासुनी हो गई. यह बैठक राहुल गांधी की मौजूदगी में मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी.

पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिए वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में भिड़ गए थे. शुरुआती बहस कुछ ही देर में तीखी नोक-झोंक में बदल गई. दोनों में काफी समय तक तू-तू-मैं-मैं भी चलता रहा. यह सब कुछ राहुल गांधी की मौजूदगी में हुआ.

दोनों के बीच जब बात नहीं बनी तो विवाद सुलझाने के लिए राहुल गांधी को तीन सदस्यीय समिति बनानी पड़ी. सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया और दिग्विजय की खुली जंग से राहुल के चेहरे पर गुस्सा साफ देखा जा सकता था. तीन सदस्यीय समिति के सदस्यों अशोक गहलोत, वीरप्पा मोइली और अहमद पटेल की इस समिति ने पार्टी के वॉर रूम 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड में रात 2.30 बजे तक मामले को सुलझाने के लिए बैठक की. लेकिन समिति की बैठक में पूरा मामला नहीं सुलझ सका. हालांकि शनिवार को दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझा लेने का दावा पार्टी ने किया है.

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 2 नवंबर से शुरू हो रही है, जो 9 नवंबर तक चलेगी. इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने 5 नवंबर तक अपनी सभी सूचियां जारी करने की संभावना जताई है. वहीं बीजेपी भी अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकती है.

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