यही वजह है कि संशय वाली सीटों पर पार्टी हर एंगिल से मंथन कर ही फैसला लेगी. चर्चा ये भी है कि जो मुख्य सीटें बची हैं उन पर वर्तमान मंत्री और विधायकों की मांगों को देखते हुये चयनकर्ता समिति गंभीरता से विचार किया है. इसके साथ ही इन सीटों पर प्रत्याशियों का चयन 75 प्लस के फॉर्मूले के तहत होल्ड पर रखा गया है.
गोविंदपुरा विधानसभा सीट- पूर्व सीएम बाबूलाल गौर के नाम से पहचान बना चुकी भोपाल की गोविदंपुरा सीट पर इस बार उनकी जगह सीएम शिवराज सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर हैं. इसके अवला पार्टी के 75 प्लस फार्मूले के तहत इस सीट पर चयन किये जाने की चर्चा भी है. यही वजह है कि पहली सूची से गोविंदपुरा सीट को बाहर रखा गया है. बता दें कि इस सीट से पिछले नौ चुनाव से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर बीजेपी का झंडा बुलंद किये हुये हैं.
पन्ना- पन्ना विधानसभा सीट से कुसुम महदेले विधायक और प्रदेश सरकार में पीएचई मंत्री हैं. इस सीट को पहली सूची में शामिल नहीं किये जाने की पहली वजह वह अपने भतीजे पार्थ महदेले के लिये भी टिकट की मांग कर रही हैं. जिससे सीट पर पेंच फंसा हुआ है. वहीं दूसरी वजह पार्टी का 75 प्लस फॉर्मूला भी बताया जा रहा है. क्योंकि महदेले 75 साल की हो चुकी हैं.
सिवनी मालवा- भाजपा ने इस सीट को भी पहली सूची से बाहर रखा है. इस सीट पर पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री सरताज सिंह विधायक हैं. उन्हें 75 प्लस फॉर्मूले के तहत मंत्रीमंडल से बाहर कर दिया गया था. लेकिन इस बार वह पूरे दमखम के साथ टिकट मांग रहे हैं.
राजनगर- छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा सीट पर संशय बना हुआ है. यहां से पिछली बार चुनाव हार चुके एमपी बीजेपी के कद्दावर नेता और बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया एक बार फिर से टिकट मांग रहे हैं. बता दें कि कुसमरिया भी 75 साल के हो चुके हैं ऐसे में उन पर 75 प्लस का फॉर्मूला भारी पड़ सकता है. वहीं कुसमरिया दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से भी टिकट मांग रहे हैं.
भितरवार- इस टिकट पर भी संशय बना हुआ है. क्योंकि पिछली बार इस सीट से हार चुके मुरैना सांसद अनूप मिश्रा एक बार फिर टिकट मांग रहे हैं. बता दें कि मिश्रा कुछ समय से हासिए पर चल रहे थे. वहीं टिकट की दावेदारी के दौरान उनके बगावती तेवर भी दिखा चुके हैं. यही वजह हो सकती है कि इस सीट को पहली सूची से बाहर रखा गया है.
महू- इंदौर की महू विधानसभा सीट बीजेपी के पास है और यहां से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय विधायक हैं. इस बार वह अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय के लिये महू से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं और इसके लिये वह टिकट की मांग भी कर चुके हैं. यही वजह है कि इस सीट पर संशय बना हुआ है.