उत्तर प्रदेश के नानपारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति एवं पूर्व विधायक दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया है. दिलीप वर्मा और उनके समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने दलित तहसीलदार के चेम्बर में घुसकर मारपीट की और उन्हें धमकाया. इस घटना के विरोध में तहसील कर्मियों ने तहसील गेट पर ताला लगाकर कामकाज बंद कर दिया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि शुक्रवार को नानपारा के तहसीलदार मधुसूदन लाल आर्या ने नानपारा कोतवाली में दी गई अपनी तहरीर में बताया है कि दिलीप वर्मा व उनके 20-25 समर्थकों ने उनके चैम्बर में घुसकर अभद्रता व गाली गलौज की. इस दौरान उन्होंने उनके साथ मारपीट भी की.
गौरव ग्रोवर ने बताया कि तहसीलदार की तहरीर पर वर्मा और उनके 20-25 समर्थकों के विरुद्ध एससी/एसटी कानून सहित अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज हुआ है. घटना के बाद विधायक ने अपने करीब 100 से ज्यादा समर्थकों के साथ मिलकर सड़क जाम किया और थाने में पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की. एसपी ने बताया कि वर्मा और उनके 100 से अधिक समर्थकों के खिलाफ यातायात बाधित करने व पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता करने का दूसरा मामला भी दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों की तलाश कर रही है, साथ ही मामले के सभी पहलुओं की भी जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि दिलीप वर्मा पूर्व में समाजवादी पार्टी से महसी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब यूपी में विधायक या पूर्व विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया हो. इससे पहले उन्नाव रेप कांड में आरोपी BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर CBI ने एक और मुकदमा दर्ज किया था. रेप पीड़िता के पिता को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के आरोप में उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीट से BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपी बनाया गया था. रेप पीड़िता के पिता का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें दिखाया गया था कि थाने में किस प्रकार मेडिकल जांच हो रही है और कैसे विधायक का भाई वहीं बैठा हंस रहा है. फिलहाल कुलदीप सिंह सेंगर रेप के मामले में CBI की हिरासत में थे. कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चार बार से उत्तर प्रदेश में विधायक रहे थे.
कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी और सेंगर ने वर्ष 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से जीता था. इसके बाद कांग्रेस का साथ छोड़कर 2007 में सेंगर ने BSP की टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, लेकिन मायावती से भी ज्यादा वक्त तक नहीं बनी और सेंगर ने पार्टी छोड़ दी.’हाथी’ का साथ छोड़ने के बाद कुलदीप सेंगर ने ‘साइकिल’ की सवारी शुरू की, और 2012 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी की टिकट पर लड़ा. मुलायम ने सेंगर को भगवंत नगर सीट से टिकट दी, और यहां कुलदीप की जीत हुई. इसके बाद राज्य में बदलते माहौल को भांपकर कुलदीप सिंह सेंगर ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर BJP का दामन थाम लिया.