Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग को देनी पड़ेगी मशीन : हाईकोर्ट…

हिमाचल में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग को देनी पड़ेगी मशीन : हाईकोर्ट…

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प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण फैलाने के मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश में कोई उद्योग बिना अनुमति के न लगे, इसके लिए बोर्ड नई तकनीक को अपना रहा है।

पुरानी तकनीक कन्सेंट मैनेजमेंट सिस्टम से नई तकनीक ऑनलाइन कन्सेंट मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाया जा रहा है। नया सिस्टम पहली अक्तूबर से शुरू हो गया है। जनवरी 2018 से सभी प्रकार की अनुमतियों से जुड़े आवेदनों को समयबद्ध तरीके से निपटाया जा रहा है। इसमें जनवरी से सितंबर तक 4488 मामले निपटाए गए। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, जिसमें दोषियों के खिलाफ जल एवं वायु अधिनियमों के तहत मामले दर्ज कर बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में केवल एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है जबकि ऐसे संयंत्र पांवटा साहिब, काला अंब, ऊना और कांगड़ा में भी लगाए जा रहे हैं। प्रदेश में वायबल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सुविधाएं स्थापित करने के लिए शहरी विभाग से मिलकर 5 मुख्य क्लस्टर व 25 सब क्लस्टर बनाए गए हैं। बोर्ड के अनुसार उसने मंडी व सुंदरनगर में प्लास्टिक शरेडिंग मशीनें लगाई हैं।

कोर्ट ने अन्य नगर निकायों में भी ऐसी मशीनें लगाने की संभावना तलाशने के आदेश दिए। कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर जुर्माने के तौर पर कम से कम दो प्लास्टिक शरेडिंग मशीन प्रति इकाई बोर्ड को देने के आदेश दिए। कोर्ट ने खेद जताया कि स्टाफ की कमी के कारण बोर्ड जनता की सुविधानुसार काम नहीं कर पा रहा है। बोर्ड की ओर से बताया गया कि कुछ पद सृजित किऐ गए हैं, जिन्हें कोर्ट में 3 माह के भीतर भरने के आदेश जारी किए।

 

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