बता दें कि बीजेपी ने 2013 के अपने मेनिफेस्टो में सरकारी अस्पतालों में एक अलग से वार्ड बनाने की योजना लाने का जिक्र किया था. वर्तमान स्थिति यह है कि भोपाल जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ही इस बारे में कोई जानकारी नहीं वहीं जेपी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर जेसानी ने बताया कि अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से कोई वार्ड नहीं है, क्योंकि अभी तक सरकार की तरफ से ऐसी कोई जानकारी या फिर आदेश हमें नहीं मिला है.
पूरे प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्तमान में ”राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम” (एनपीएचसीई) चल रहा है. 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग को इस कार्यक्रम के तहत ही सेवाएं दी जा रही हैं. हर सरकारी अस्पताल में 2-3 बेड बुजुर्गों के लिए आरक्षित है. इस कार्यक्रम के तहत ही ग्वालियर में 10 बेड वरिष्ठ नागरिकों के लिए रखे गए हैं. इसके अलावा प्रदेश की अलग से कोई स्वास्थ्य नीति, योजना या कार्यक्रम नहीं है.
गौरतलब है कि रोगी और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण अधिनयम 2007 के तहत “राष्ट्रीय वृद्धजन नीति” में की गई सिफारिशों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 11वीं योजना अवधि के दौरान वृद्धजनों की विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए वर्ष 2010-11 के दौरान एनपीएचसीई की शुरुआत की थी. इसमें बुजुर्ग लोगों के लिए नि:शुल्क, विशेष स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं दी जाती है