5 राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव के प्रचार में राजनेताओं के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में रैली के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को दलित बताकर बड़ी गलती की, तो अब कांग्रेस ने उनकी इसी गलती पर उन्हें घेर लिया है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि क्या ये सच नहीं कि जब भारतीय जनता पार्टी के पहले और एकलौते दलित अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का निधन हुआ तो उनके अंतिम संस्कार में लालकृष्ण आडवाणी के अलावा कोई और पार्टी का बड़ा नेता मौजूद नहीं था
बता दें कि छत्तीसगढ़ की रैली में सीताराम केसरी को दलित बताया, जो तथ्यात्मक गलती थी. क्योंकि केसरी दलित नहीं थे. बल्कि वे पिछड़े समाज वैश्य (बनिया) से थे. सीताराम केसरी बिहार के दानापुर के रहने वाले थे.अगर बंगारू लक्ष्मण की बात करें तो वह बीजेपी के एकलौते ऐसे अध्यक्ष रहे, जो दलित समुदाय से आते थे. वह 2000-2001 के बीच बीजेपी के अध्यक्ष रहे. 1 मार्च 2014 को 74 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.
पीएम मोदी ने भाषण में कहा था, ‘मेरा सवाल है कि पांच साल के लिए इस परिवार से बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बनाकर देख लीजिए. देश को पता है कि सीताराम केसरी दलित, पीड़ित और शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष से कैसे हटाया गया था? कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था? कैसे दरवाजे से निकालकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया था? इसके बाद मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था.’पीएम मोदी को जवाब देते हुए पी चिदंबरम ने ट्वीट में 15 अध्यक्षों का जिक्र किया था, जो नेहरू गांधी परिवार से नहीं थे.