परंपराओं व संस्कृति के संरक्षण का आग्रह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज सिरमौर जिला के रेणुका जी में भगवान परशुराम की पालकी की पूजा-अर्चना करने के उपरान्त छः दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय रेणुका मेले का शुभारम्भ किया। इसके उपरान्त वह भगवान परशुराम की शोभायात्रा में शामिल हुए और पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा की अगुवाई की।
यह मेला दशमी की पूर्व संध्या पर भगवान परशुराम का उनकी माता रेणुका जी से वार्षिक मिलन का अनूठा संगम है। हर वर्ष देवप्रोबोधिनी एकादशी के अवसर पर पारम्परिक रेणुका उत्सव रेणुका झील के किनारे मनाया जाता है, जिसमें देशभर के लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। परंपरा के अनुसार, भगवान परशुराम की पालकी को जामो कोटी गांव के प्राचीन मंदिर से रेणुका जी लाया जाता है और उसके उपरान्त धार्मिक अनुष्ठानों जिसमें झील में पवित्र स्नान भी शामिल है, के उपरान्त वापिस ले जाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश अपनी समृद्ध परम्पराओं व संस्कृति के लिए जाना जाता है।यहां आयोजित होने वाले मेले व त्यौहार न केवल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व परम्पराओं के परिचायक हैं बल्कि स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों का स्वस्थ मनोरंजन भी करते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को अपनी समृद्ध परम्पराओं, रीति-रिवाजों व संस्कृति से विशेष लगाव व सम्मान के लिए जाना जाता है। श्रद्धालु रंग बिरंगे परिधानों में पारम्परिक लोक धुनों पर थिरकते हुए इसमें शामिल होते हैं, जिससे इस मेले का पूरा माहौल आध्यात्मिक और आनंदमयी बन जाता है।जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों तथा गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा विकासात्मक गतिविधियों पर लगाई गई प्रदर्शनियों का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री का माइना बाग हेलीपैड से 14 किलोमीटर दूर स्थित रेणुका मेला मैदान तक लोगों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, विधायक सुखराम चौधरी, सुरेश कश्यप, हर्षवर्धन चौहान तथा विनय कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।