दरअसल, कर्मचारियों के मतदान के लिए राजगढ़ जिले में मतदान के गुप्त रहने पर सवाल खडे़ हो गया हैं क्योंकि, राजगढ़ में हुए मतदान में कर्मचारियों के नाम और कोड की सूची कलेक्टर कार्यालय के बाहर लगा दी गयी. जिसके आधार पर कर्मचारी मतदाताओं को उनके मतदान लिफाफे भी बांट दिए गए हैं. अब सरकारी कर्मचारियों के मतदान की ये गुप्त कार्यप्रणाली पूरी तरह सार्वजनिक हो गई है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि नाम सहित कोड सार्वजनिक होने पर मतों की गणना के दौरान कोई भी पता लगा सकेगा कि किस कर्मचारी ने किसको वोट दिया है. इस लापरवाही के कारण मतदान गुप्त नहीं रह गया है. मामला चुनाव आयोग भी पहुंच चुका है और इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने राजगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है.
मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें उन्होंने राजगढ़ में पोस्टल बैलट मतदान की गोपनीयता भंग होने पर सवाल उठाया था. अजय दुबे ने अपनी शिकायत में चुनाव आयोग को कहा है कि राजगढ़ जिले में इस सूची की गोपनीयता बरकरार रखनी थी. इस सूची के पोस्टल बैलेट के कोड नंबर सार्वजनिक कर दिए गए और इसी कोड के आधार पर कर्मचारियों को मतदान के लिए लिफाफे बांटे गए है. अजय दुबे ने राजगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारी को हटाने की भी मांग की है.