Home राष्ट्रीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग: राज्यपाल पर भड़के उमर अब्दुल्ला…

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग: राज्यपाल पर भड़के उमर अब्दुल्ला…

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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी मांग है कि कश्मीर को विशेष पहचान देने वाले अनुच्छेद 35ए पर मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा जाए. बीजेपी सरकार बनाने के लिए साजिश रच रही थी. फैक्स मशीन ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. सरकार बनाने का दावा फैक्स मशीन से नहीं जाता है और राज्यपाल आदेश फैक्स मशीन से आता है. वन वे फैक्स मशीन है. (दरअसल, विपक्षी पार्टी का दावा है कि उसने सरकार बनाने का दावा फैक्स किया था. लेकिन राजभवन के फैक्स मशीन खराब थे
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ा तभी से हम मांग कर रहे थे कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो और चुनाव हो. कश्मीर के साथ अन्याय होता रहा है और आज भी हो रहा है. पिछले दिनों गठबंधन (पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस) को लेकर चर्चा हुई. यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि कश्मीरी लोगों के खिलाफ हिंसा हो रही थी. यही वजह थी हमने सरकार बनाने की कोशिश की. फारुख अब्दुल्ला और हमें दोनों को मुख्यमंत्री बनने का ऑफर मिला. हम सरकार बनाने के लिए मदद करेंगे. बाहर से समर्थन देंगे.
जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में होने वाली बैठक अब कल होगी, शाम तक नेता दिल्ली पहुंचेंगे. राजनीतिक हालातों पर चर्चा के लिए आज बैठक होने वाली थी.जम्मू कश्मीर के ताज़ा राजनीतिक हालातों पर चर्चा के लिए आज बीजेपी के कोर ग्रुप की अहम बैठक हो रही है. बैठक में पार्टी के सांसद, प्रदेश अध्यक्ष समेत महामंत्री शिरकत कर रहे हैं. बीजेपी ने राज्यपाल के फैसलों का समर्थन किया है.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के बाद कहा कि मैंने किसी का पक्षपात नहीं किया. मैं चाहता हूं कि चुनी हुई सरकार सत्ता में आए. हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत मिल रही थी. अपवित्र गठबंधन बनाया जा रहा थाउमर अब्दुल्ला ने राम माधव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, ”मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप आरोपों को साबित करें. RAW, NIA और IB आपके कमांड (सीबीआई भी आपका तोता है) में है. इसलिए अगर हिम्मत है तो आप सबूत आम आदमी के सामने रखें. अगर यह आरोप साबित नहीं कर सकते हैं तो माफी मांगें
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल ने फैसला बीजेपी के कहने पर बनाया. अमित शाह या राम माधव के दफ्तर पर इस रणनीतिक ड्रामा की स्क्रिप्ट लिखी गई. यह फैसला असंवैधानिक है.

बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी राम माधव ने कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने सीमापार से आए आदेश के अनुसार स्थानीय चुनाव का बहिष्कार किया. यह संभव है कि अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए सीमा पार से निर्देश मिला हो. हम किसी भी गलत कोशिशों को कामयाब नहीं होने देंगे.

जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को कल राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भंग कर दिया. विपक्षी पार्टियां राज्यपाल के फैसले पर लगातार सवाल उठा रही है. इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर में पूर्व में सरकार गठन में अहम भूमिका निभा चुके राम माधव ने कहा है कि यह संभव है कि पीडीपी-नेशनल कांफ्रेंस के नए कदम के पीछे पाकिस्तान का हाथ हो. दरअसल, कल महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया. संवैधानिक प्रावधानों के तहत अब राज्य में छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे. अगर यह संभव नहीं हुआ तो इसे और टाला जा सकता है.

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