2019 लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या के मुद्दे को एक बार फिर से गरमाने की तैयारी दिख रही है. शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच रहे हैं. जबकि रविवार को साधु-संतों की विराट धर्म संसद होने जा रही है .उद्धव ठाकरे अयोध्या में रैली को संबोधित करने के अलावा साधु संतों के साथ भी बैठक भी करेंगे. अपने अयोध्या दौरे से पहले उन्होंने यह नारा भी दिया था कि ‘हर हिंदू की यही पुकार पहले मंदिर फिर सरकार’. इसके अलावा बड़ी संख्या में शिवसेना के कार्यकर्ता भी जय श्री राम का नारा लगाते हुए ट्रेन से अयोध्या पहुंचने लगे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने भी सभी लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील की है. अयोध्या मुद्दा गरमाने के बाद यहां फिर से 1992 जैसे हालात बनते दिखने रहे हैं. अयोध्या में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है और भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. जगह-जगह बैरिकेटिंग लगाई गई है.अनुमान है कि उद्धव ठाकरे शिवाजी के जन्मस्थान की मिट्टी लेकर आज दोपहर दो बजे अयोध्या पहुंचेंगे.
अयोध्या में शिवसेना के कार्यकर्ता जय श्री राम का नारा लगाते हुए मुंबई, ठाणे, कल्याण और नासिक के साथ कई दूसरे शहरों से ट्रेन से पहुंच रहे हैं. जो अयोध्या नहीं जा पाए, वो शनिवार शाम को अपने अपने इलाक़ों के मंदिरों में महाआरती कर शिवसेना के आंदोलन को समर्थन देंगे. अयोध्या में बिगड़ते दिख रहे माहौल के संबंध में यहां के कलेक्टर ने कहा है कि शहर में डर का कोई माहौल नहीं है. शिवसेना और वीएचपी ने अपने कार्यक्रमों के लिए पहले से इजाज़त ले ली है. दूसरी तरफ, अयोध्या में पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है.
अयोध्या में हालात ना बिगड़े इसलिए यहां अफसरों की फौज तैनात हो चुकी है. 160 इंसपेक्टर, 700 कॉन्स्टेबल सहित पीएसी की 42 कंपनियों, आरएएफ की 5 कंपनियां, एटीएस कंमाडो के अलावा ड्रोम कैमरे भी लगाए गए हैं
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन हालात को अयोध्या के लिए ख़तरनाक बता रहे हैं. उनकी मांग है कि अयोध्या में फौज बुलाई जाए. पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. अखिलेश यादव ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अयोध्या में वीएचपी और शिवसेना की रैलियों के मद्देनज़र सेना तैनात की जाए. वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने अयोध्या में कहा कि 17 मिनट में बाबरी ढाह दी थी. राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक बीजेपी की सरकार है. राज्यसभा में ऐसे बहुत सांसद हैं, जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे. अब मंदिर के लिए कानून बनाने का जो विरोध करेगा उसे देश में निकलने नहीं देंगे.