‘सक्षम’ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरु की जा रही एक अनूठी पहल है, जो मध्यप्रदेश से शुरु हो रही है. हालांकि इसके पहले भी निर्वाचन आयोग कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में दिव्यांगों के लिए ऐसी पहल कर चुका है, लेकिन मध्यप्रदेश में दिव्यांग मतदाताओं और महिलाओं के लिए किया जाने वाला प्रयास उनसे भी आला दर्जे का है.
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2018 के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रदेश भर में 187 ‘सक्षम’ पोलिंग बूथ बनाये हैं. इन मतदान केन्द्रों का संचालन भी दिव्यांग अधिकारियों द्वारा किया जाएगा. इसके लिए दिव्यांग अधिकारी/कर्मचारी से सहमति बनाने के बाद ही उन्हें नियुक्त किया जा रहा है. साथ ही चुनाव आयोग इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि दिव्यांगकर्मियों को आधारभूत सुविधाओं की कमी न होने पाये. इन बूथों पर सर्वाधिक 18 पोलिंग बूथ ग्वालियर में और 16 बूथ शाजापुर जिले में बनाये गए हैं.
2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, देश में कुल 2.68 करोड़ दिव्यांग हैं, जोकि 121 करोड़ की आबादी का 2.21 फीसदी है. इनमें से 56 फीसदी आबादी (1.5 करोड़) पुरुष और 44 फीसदी महिला (1.18 करोड़) है. इनमें से करीब 1.75 करोड़ दिव्यांगजन मतदान के लिए योग्य हैं.
इसके अलावा वीएल कांताराव ने महिलाओं के लिए भी ऑल वूमन बूथ बनाने के निर्देश दिए थे, जिसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक ऑल वूमन बूथ का निर्माण किया जाना अनिवार्य है, जिन पर महिला कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी. यही वजह है कि प्रदेश में लगभग 500 ऑल वूमन बूथों का निर्माण किया गया है. वहीं, इस बार क्लीन स्वीप और वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए 11 हजार नए मतदान केंद्रों का निर्माण किया गया है, जोकि पिछले चुनाव में बनाए गए केंद्रों से 21 फीसदी ज्यादा है.