एनजीटी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार यह राशि वसूलने में नाकाम रहती है, तो उससे हर महीने 10 करोड रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. एनजीटी ने ये आदेश नरेला और बवाना के इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों द्वारा कृषि भूमि पर अपशिष्ट पदार्थ जलाने की शिकायतों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर दिया है.
पिछले 9 अक्टूबर को एनजीटी ने रोहिणी सेक्टर 7 के रिहायशी इलाके में अनाधिकृत कार वर्कशॉप और कार मैकेनिक द्वारा सर्विसिंग, डेंटिंग, पेंटिंग और रिपेयरिंग को बंद करने का आदेश दिया था. एनजीटी ने आदेशों का पालन न करने और नियमों के उल्लंघन के लिए दिल्ली सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इलाके के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर एक्शन प्लान तैयार करने का आदेश दिया था. एनजीटी ने आदेश दिया था कि इलाके के लोगों के साथ हफ्ते में एक बार पब्लिक हियरिंग की जाए. एनजीटी ने कहा था कि मुख्य सचिव उन अधिकारियों की सूची दें जिनकी वजह से नियमों का उल्लंघन हुआ.
एनजीटी ने कहा था कि ये निर्विवाद है कि इलाके में अनाधिकृत गतिविधियां संचालित हो रही हैं, लेकिन हर विभाग दूसरे विभाग पर अपना ठीकरा फोड़ रहा है. प्रदूषण नियंत्रण कमेटी दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार बताती है जबकि दिल्ली पुलिस स्थानीय एसडीएम को.
याचिका एनएस यादव ने दायर की है. याचिका में रोहिणी के सेक्टर 7 के ई ब्लॉक में भगवान राम मंदिर मंदिर कांप्लेक्स के पास नाहरपुर गांव के चौधरी ब्रह्मप्रकाश प्रवेश द्वार पर अनाधिकृत रुप से चल रहे ऑटोमोबाइल गतिविधियों के बारे में बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि अनाधिकृत गतिविधियों की शिकायतें प्रदूषण नियंत्रण कमेटी से की गई थी, लेकिन उसके बावजूद ये गतिविधियां जारी रहीं.